Wednesday, June 29, 2011

अन्ना फिर अनशन को मजबूर


लोकपाल विधेयक पर टीम अन्ना और सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। सत्तापक्ष के रवैये से खफा अन्ना हजारे ने गुरुवार को एलान कर दिया कि वे 16 अगस्त से दोबारा अनशन करेंगे। सरकार के तेवरों से साफ है कि इस दफा वह अन्ना को अनशन पर नहीं बैठने देगी। 30 जून तक हर हाल में लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने का एलान करते हुए गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि हर देश में बहस-वार्तालाप से कानून बनते हैं, न कि अनशन से। गुरुवार को टीम अन्ना ने सरकार पर तीखे प्रहार किए तो सरकार ने भी साझा समिति के तीन वरिष्ठ मंत्री चिदंबरम, कपिल सिब्बल और सलमान खुर्शीद को मैदान में उतार दिया। टीम अन्ना की तरफ से सरकार पर वादे से मुकरने और लोकपाल को जोकपाल बनाने जैसे आरोपों की काट के साथ ही सरकार ने सिविल सोसाइटी के खिलाफ सरकार के बजाय सभी राजनीतिक दलों को सामने करने की कोशिश भी शुरू कर दी। हमले की शुरुआत हुई टीम अन्ना की तरफ से। अन्ना ने कहा कि सरकार ने साझा समिति की बैठकों के नाम पर समय बर्बाद किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार चर्चा भी करना नहीं चाहती। वह चर्चा करने की बजाय फैसले सुना रही है। ऐसे में वे अपना रुका हुआ अनशन 16 अगस्त से फिर से शुरू करेंगे। सरकार के रवैये पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव ने ऐसा ही आंदोलन किया तो उसे सरकार ने जबर्दस्ती तोड़-मोड़ दिया। हो सकता है कि हमारे लिए भी सरकार ने ऐसी ही तैयारी की हो, मगर हमें कोई गम नहीं। जब हमने मरने की तैयारी कर ली है तो लाठी क्या, गोली भी खाने को तैयार हैं। उनके दाहिने हाथ अरविंद केजरीवाल ने सरकार पर कटाक्ष किया कि यदि मजबूत लोकपाल आया तो आधे नेता जेल के अंदर होंगे। इसके बाद चिदंबरम-सिब्बल और सलमान की त्रयी ने सिविल सोसाइटी के खिलाफ राजनीतिक लामबंदी करने के साथ उसके हर सवाल का जवाब दिया। उनके मुताबिक अभी कुछ भी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने दो मसौदों की बात को भी नकार दिया। तीनों मंत्रियों ने दोहराया कि दो मसौदे नहीं होंगे। सिर्फ जिन मुद्दों पर सहमति नहीं होगी उन पर सिविल सोसाइटी और हम पांच मंत्रियों के पक्ष अलग-अलग सरकार के सामने रखे जाएंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने से लेकर अन्य सभी जटिल सवालों पर सभी दलों से सलाह के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा। इन मंत्रियों ने अन्ना के अनशन के एलान और उनकी टीम के लोगों की भाषा को आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि बातचीत के साथ-साथ धमकी नहीं चल सकती। तीनों मंत्रियों ने कहा कि वे एक ऐसा मजबूत विधेयक लाएंगे जिसे देखकर पूरा देश कहेगा कि पारदर्शिता के लिए एक अच्छा काम हुआ है। 20 जून को साझा समिति की फिर बैठक होनी है।


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