कर्नाटक में बीएस येद्दयुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने तीन साल के कार्यकाल में चौथा और पिछले नौ महीने में तीसरी बार विश्वास मत साबित कर दिया। इस दौरान 71 सदस्यों वाली कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया। जबकि 26 सदस्यों वाली जद एस ने दस दिन के इस सत्र का पहले ही बहिष्कार कर रखा है। खास बात यह है कि विश्वास मत के बारे में न तो विपक्ष ने मांग की थी और न ही राज्यपाल की ओर से इसका निर्देश दिया गया था। इसका फैसला राज्य सरकार ने बुधवार हुई एक कैबिनेट बैठक में लिया था। मुख्यमंत्री ने 224 सदस्यीय सदन में शून्य के मुकाबले 119 मतों से विश्वास मत जीत लिया। इससे पहले 11 अक्टूबर और 14 अक्टूबर 2010 को भी विश्र्वास मत हासिल किया था। विश्वास मत के दौरान सत्तारूढ़ दल के एक सदस्य चंदप्पा नाइक को छोड़कर पार्टी के सभी सदस्य सदन में मौजूद थे। नाइक निजी कारणों से नहीं आ पाए।
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