Wednesday, June 15, 2011

मीरा ने खारिज की डॉ. जोशी की रिपोर्ट


2जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर डा. मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसद की लोकलेखा समिति (पीएसी) की विवादित रिपोर्ट आखिरकार धराशायी हो गई। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने जोशी को रिपोर्ट वापस कर दी है। इसका मतलब है कि स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) पर उंगली उठाने वाली पीएसी रिपोर्ट संसद में पेश नहीं होगी। 2जी मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन के बाद से पीएसी और जेपीसी में गरमाई राजनीति में पीएसी को झटका लगा है। पीएसी की बैठक में जहां बड़े नाटकीय ढंग से 21 में 11 सदस्यों ने रिपोर्ट से अपनी असहमति जता दी थी, वहीं जेपीसी अध्यक्ष पीसी चाको ने भी अपने बयानों में परोक्ष रूप से यह संकेत दे दिया था कि जेपीसी बनने के बाद उसकी रिपोर्ट ही ज्यादा प्रमाणिक मानी जानी चाहिए। दोनों समितियों के दायरे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा था कि जेपीसी विस्तृत रूप से हर पहलू पर विचार करेगी। वहीं, अपना कार्यकाल खत्म होने से ठीक पहले जोशी ने रिपोर्ट तैयार कर मीरा कुमार को सौंप दी थी। उस रिपोर्ट में प्रधानमंत्री, पीएमओ और चिदंबरम की भूमिका पर भी उंगली उठाई गई थी। रिपोर्ट विवादित रही थी और पीएसी के अंदर इसका विरोध भी हुआ था। सरकारी व कुछ दूसरे सदस्यों ने बहुमत से इसे खारिज कर दिया था। उसके बाद कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा में तीखी तकरार हुई थी, लेकिन बतौर अध्यक्ष जोशी का मानना था कि सदस्य सिर्फ असहमति जता सकते हैं। इसके बाद उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को रिपोर्ट सौंपकर इसे संसद में पेश करने का आग्रह किया था। जोशी का आरोप था कि विवाद तब उठा जब समिति ने पीएमओ के वरिष्ठ अधिकारियों, कैबिनेट सचिव व कुछ दूसरे लोगों से सवाल जवाब करने का निर्णय लिया था। लगभग डेढ़ माह बाद लोकसभा अध्यक्ष ने रिपोर्ट वापस कर जोशी को झटका दे दिया है तो यह भी स्पष्ट हो गया है कि अब चर्चा चाको की अध्यक्षता वाली जेपीसी रिपोर्ट पर ही होगी जिसमें राजग कार्यकाल के समय में दूर संचार मंत्रालय के कामकाज और स्पेक्ट्रम आवंटन पर चर्चा हो रही है।


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