केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए भाजपा ने अन्ना हजारे व बाबा रामदेव से आग्रह किया है कि वह कांग्रेस व केंद्र सरकार के मंत्रियों के बयानों को संज्ञान न लें। पार्टी ने कहा है कि जिस दल के प्रतिनिधि आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हो, उनके आरोपों को कोई मतलब नहीं है, देश की जनता को इन दोनों पर पूरा भरोसा है। भाजपा ने लोकपाल मामले पर कांग्रेस व सरकार के परस्पर विरोधाभासी बयानों पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा है कि वे खुद साफ करें कि प्रधानमंत्री को इसके दायरे में आना चाहिए या नहीं? भाजपा केंद्र सरकार पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है। पार्टी प्रवक्ता राजीव प्रताप रूड़ी ने लगभग आधा दर्जन मुद्दों पर सरकार पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए उससे सफाई मांगी है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के बाद वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के भाजपा व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगाए गए आरोपों को रूड़ी ने सरकार व कांग्रेस की हताशा करार दिया है। मुखर्जी की देश में आपातकाल जैसे हालात होने की तरफ संकेत किए जाने पर उन्होंने कहा कि इससे भाजपा के रुख की ही पुष्टि हुई है, जो लगातार देश को आगाह कर रही है। रूड़ी ने कहा कि लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री को लाने व न लाने पर कांग्रेस व सरकार में ही परस्पर विरोधी राय सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह प्रधानमंत्री को इसके दायरे में रखने की बात कह रहे हैं, जबकि प्रणब मुखर्जी ने मसौदा समिति में इसका विरोध किया है। ऐसे में मनमोहन सिंह को खुद साफ करना चाहिए कि वे प्रधानमंत्री को इसके दायरे में रखने के पक्ष में है या नहीं। भाजपा प्रवक्ता ने अन्ना हजारे व बाबा रामदेव के आंदोलनों का समर्थन करते हुए कहा कि उनको देश की जनता का पूरा समर्थन व विश्वास हासिल है। इसलिए सरकार के अनर्गल आरोपों का जवाब देने की कोई जरूरत नहीं है। वैसे भी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी केंद्र सरकार के मंत्रियों को इस बारे में सवाल उठाने का कोई नैतिक अधिकार भी नहीं है। भाजपा नेता ने एयर इंडिया के हालातों पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए सरकार से इस मामले में श्वेत पत्र लाने की मांग की है। रूड़ी ने कहा कि इस सरकारी कंपनी को 40 हजार करोड़ का घाटा हो चुका है और हर रोज 22 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। एयर इंडिया के कई कर्मचारियों को 2-3 महीनों से वेतन न मिलने की खबरें भी सामने आ रही हैं, जो चिंताजनक है।
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