Wednesday, August 17, 2011

भयभीत कांग्रेस हिंसक हो ही जाती हैं


कुतर्को का सहारा ले रहीं राजनीति


गरीबों के घर फोटो खिंचवाने जाते हैं राहुल


शिवसेना के बाद भाजपा के फायरब्रांड नेता और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पर हमला बोला है। मोदी ने आरोप लगाया कि राहुल मीडिया में प्रचार के लिए गरीबों के घर जाते हैं और उनके बच्चों को गोद में उठाकर फोटो खिंचवाते हैं। शिवसेना ने भी सोमवार को अपने मुखपत्र सामना में मावल में किसानों पर हुई गोलीबारी को लेकर कांग्रेस महासचिव को घेरा था। पार्टी ने किसानों के मारे जाने पर भट्टा-पारसौल जाने वाले राहुल को लापता घोषित कर उनके मावल न आने पर करारा प्रहार किया था। खेड़ा जिले के नडियाद के एसआरपीएफ मैदान में मंगलवार को आयोजित स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री मोदी ने कांग्रेसनीत केंद्र सरकार और इसके महासचिव राहुल गांधी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि देश कांग्रेस के कारण ही आज गरीब है। मीडिया में प्रचार पाने की खातिर राहुल गांधी गरीबों के घर जाकर खाना खाने जाते हैं। गरीबों के बच्चों को गोद में लेकर फोटो खिंचवाने को शर्मनाक बताते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस के कारण ही आज देश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। मोदी ने कहा कि कांग्रेस सरकार संवैधानिक संगठनों का उपयोग गुजरात को बदनाम करने के लिए कर रही है, गुजरात विरोधियों को राज्य का विकास अवरूद्ध करने में लगा रखा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे अन्ना हजारे को बदनाम करने के लिए कांग्रेस उन पर लगातार झूठी बयानबाजी कर रही है। मोदी ने दावा किया कि पिछले एक दशक में देश की विकास दर को पीछे छोड़ते हुए गुजरात की विकास दर दस फीसदी को छू रही है।

Tuesday, August 16, 2011

शिव सेना के विज्ञापन में राहुल लापता


शिव सेना के मुख पत्र सामना में रविवार को लापता व्यक्तियों के विज्ञापन में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पर कटाक्ष किया गया है। विज्ञापन में लिखा गया है कि राहुल महाराष्ट्र से लापता हैं, जबकि यहां किसानों को उनकी वाकई में जरूरत है। विज्ञापन में राहुल के पहनावे का जिक्र किया गया है। उनके कपड़े और उनके ठहरने के स्थान के साथ उनका चित्र प्रकाशित किया गया है। विज्ञापन में कहा गया है, महाराष्ट्र के बेचारे किसानों को उपरोक्त विवरण वाले व्यक्ति की बेसब्री से तलाश है। विज्ञापन में पुणे जिले के मावल गांव में 9 अगस्त को हुई गोलीबारी के समय राहुल की अनुपस्थिति पर सवाल खड़े किए गए हैं। गोलीबारी में तीन व्यक्तियों की मौत हो गई थी। राहुल के बारे में विज्ञापन में आगे कहा गया है कि उन्होंने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के साथ उत्तर प्रदेश के भट्टा पारसौल गांव में किसानों के समर्थन में धरना दिया था। विज्ञापन में कहा गया है, उन्होंने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ महापंचायत आयोजित कर उनकी खिंचाई की थी। महाराष्ट्र के उत्पीडि़त और न्याय से वंचित किसान इस मसीहा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। विज्ञापन में आगे कहा गया है, जब जैतापुर में किसानों पर गोली चलाई गई थी, उस समय भी यह गांधी महाराष्ट्र नहीं आए थे। अब जब कांग्रेस सरकार ने पुणे के मावल में पवन पाइपलाइन का विरोध कर रहे किसानों पर फिर गोलीबारी की है तब भी वह (राहुल) लापता हैं। राहुल से कहा गया है, भागने के लिए आपको कोई नहीं डांटेगा। यह विज्ञापन जैतापुर संघर्ष समिति और पवना-मावल खोरे बचाव समिति की ओर से जारी किया गया है।



Govt quiet on ‘rightist’ Malaviya’s birth anniv This is one commemoration the government seems extremely reluctant to publicise. At


least that is what is evident from how it has gone about marking the 150th birth anniversary of Pandit Madan Mohan Malaviya, the founder of Benaras Hindu University.
Just like it had done for the 150th birth anniversary celebrations of Rabindranath Tagore and Swami Vivekananda last year, the government recently formed a national committee to decide on programmes and functions to mark the same milestone for Malaviya. But that is where the similarity ends.
While the plans to celebrate the anniversaries of Tagore and Vivekananda were publicised with much fanfare, especially in the run-up to the Assembly elections in West Bengal, there has been silence in the case of Malaviya — who is seen as a rightist and is among the national leaders often invoked by the BJP.
The national committee on Malaviya, though headed by Prime Minister Manmohan Singh, is relatively low-key. Neither UPA chairperson Sonia Gandhi nor Finance Minister Pranab Mukherjee is a member. Both were part of the committees on Tagore and Vivekananda. And while those two committees had representation from across the political spectrum, the 18-member committee on Malaviya does not include anyone from the BJP.

The first meeting of this committee was held last month, on July 26, but no press statement was issued. Even the speech read out by the Prime Minister at the meeting was not made public. This is in stark contrast to the practice of putting every speech of the Prime Minister on his website, including what he said at the meetings of the committees on Tagore and Vivekananda.
The government did, however, release two photographs of the July 26 meeting on the website of the Press Information Bureau. That is how many people became aware of the plans to commemorate the anniversary.
On the other hand, the website of the Ministry of Culture has links to the anniversary commemoration events for Tagore and Vivekananda on the homepage itself.
“There are many misconceptions about Malaviya, one of them being that he was a Hindu leader. Maybe the word Hindu in Benaras Hindu University led to such an impression being created. But nothing can be further from truth. Malaviyaji was as tall a nationalist leader as anyone else this country has seen. And he was elected Congress president four times,” said P L Jaiswal, one of the members of the government’s committee.
Jaiswal said the decision to celebrate Malaviya’s birth anniversary was due largely to the untiring efforts of veteran Congress MP Karan Singh. Jaiswal himself is the man behind the Mahamana Malaviya Mission, set up with the efforts of BHU alumni.
He said the events planned to mark Malaviya’s birth anniversary would help clear some of the misconceptions about the leader, who died in 1946. The programmes are scheduled to start from December 25, the birth date of Malaviya, and continue for a

Friday, August 12, 2011

मुरादाबाद दंगे पर मुलायम ने मांगा मायावती का इस्तीफा


नई दिल्ली उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में दंगे को लेकर विपक्षी दल मायावती सरकार की घेरेबंदी में जुट गए हैं। सपा और भाजपा ने गुरुवार को इस मामले को लोकसभा में उठाया। सपा ने तो दंगे को लेकर ही मायावती का इस्तीफा तक मांग लिया है। जबकि भाजपा ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग की है। सपा के मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा में शून्यकाल में यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि मुरादाबाद में जब भी दंगे की शुरुआत होती है, वह गंभीर रूप ले लेता है। 1980 में भी ऐसा हो चुका है। सपा सदस्य ने आरोप लगाया कि मुरादाबाद में स्थानीय पुलिस संप्रदाय विशेष के लोगों को परेशान कर रही है। स्थिति और बिगड़ सकती है। सरकार को इस पर बयान देना चाहिए कि हालात के मद्देनजर उसकी तैयारी क्या है? मुलायम के इस मामले के उठाने के साथ ही सपा के दूसरे सदस्य अपने स्थानों पर खड़े हो गए और मायावती सरकार का इस्तीफा मांगने लगे। मुलायम ने जैसे ही इस मामले को उठाया बसपा के दारा सिंह चौहान, विजय बहादुर और सुरेंद्र नागर समेत दूसरे सदस्य भी खड़े के गए। उन्होंने मुलायम का कड़ा विरोध किया। बसपा सदस्यों का कहना था कि यह राज्य की कानून-व्यवस्था का मामला है। उसे यहां नहीं उठाया जा सकता है। मुरादाबाद में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। सरकार हालात पर नजर रखे हुए है। सपा और बसपा सदस्यों के शोर-शराबे के बीच ही भाजपा के योगी आदित्यनाथ भी खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि चार दिनों से दंगे हो रहे हैं। हिंदुओं को उनके धार्मिक कार्यक्रमों से रोका जा रहा है। प्रशासन फेल हो गया है। लिहाजा मुरादाबाद में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जानी चाहिए।





मोदी विरोधी एक और आइपीएस अफसर पर शिकंजा


अहमदाबाद आइपीएस अधिकारी संजीव भट्ट के बाद गुजरात सरकार ने राज्य के एक और आला पुलिस अधिकारी के खिलाफ सख्त रवैया अख्तियार किया है। गुजरात दंगों के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय, सत्तारूढ़ भाजपा के कई अहम नेताओं और पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा की गई फोन व मोबाइल कॉल्स से संबंधित सीडी नानावती आयोग व एसआइटी को सौंपने वाले आइपीएस राहुल शर्मा को गृह विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सरकार ने कहा है कि गोपनीयता भंग करने और अनुशासनहीनता के लिए क्यों न आप के खिलाफ कार्रवाई की जाए? शर्मा फिलहाल राजकोट में डीआइजी के पद पर तैनात हैं। गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव वरेश सिन्हा ने बुधवार देर रात गुजरात कैडर के आइपीएस अधिकारी राहुल शर्मा के खिलाफ नोटिस जारी किया। उन पर राज्य सरकार की इजाजत के बिना फोन कॉल्स की सीडी विभिन्न जांच आयोग और एसआइटी को देने का आरोप है। सरकार ने शर्मा के खिलाफ कार्यालयी गोपनीयता विधेयक, सेवा नियमों का उल्लंघन और अनुशासनहीनता के आरोपों के तहत यह कार्रवाई की है। शर्मा ने सरकार की इस कार्रवाई को गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती दी है। सरकार विरोधी पुलिस अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई को लेकर पुलिस विभाग में हड़कंप है। इस कार्रवाई को सरकार विरोधी पुलिस अधिकारियों को काबू में रखने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले राज्य सरकार ने गुजरात दंगों में मुख्यमंत्री मोदी की भी भूमिका बताने वाले आइपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को निलंबित कर दिया था। गुजरात दंगों के दौरान फरवरी, 2002 में भावनगर में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात रहते शर्मा ने हिंसक भीड़ को एक मदरसे पर हमला करने से रोक दिया था। इसके तत्काल बाद उनका तबादला अहमदाबाद पुलिस नियंत्रण कक्ष में कर दिया गया था। अहमदाबाद के तत्कालीन पुलिस आयुक्त पीसी पांडे ने शर्मा को ही शहर के नरोड़ा पाटिया दंगे की जांच सौंपी थी। जांच के दौरान शर्मा ने दंगे के वक्त मुख्यमंत्री कार्यालय, राज्य सरकार व संगठन के कई शीर्ष नेताओं, विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों के साथ पुलिस के आला अधिकारियों के फोन और मोबाइल कॉल्स की जानकारी जुटाई थी। इसी जानकारी से संबंधित सीडी शर्मा ने नानावती-मेहता आयोग, बनर्जी आयोग और एसआइटी को उपलब्ध कराई थी। इसी सीडी के आधार पर महिला एवं बाल कल्याण राज्य मंत्री मायाबेन कोडनानी को मंत्री पद से हाथ धोना और जेल जाना पड़ा था। ताजा घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार सच बोलने वाले अधिकारियों की आवाज दबा रही है।


Sunday, August 7, 2011

विदेश जाने से पहले कई नेताओं को इधर-उधर कर गई सोनिया


: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बीमारी और उनके इलाज के लिए अमेरिका जाने के बावजूद कांग्रेस का कामकाज दुरुस्त चल रहा है। कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं व देश को यह संदेश देने के लिए संगठन स्तर पर कई समितियों का एलान किया है। बताया जाता है कि विदेश रवानगी से पहले सोनिया संगठन व सरकार के बीच समन्वय के लिए शोध व समन्वय समिति पर मुहर लगा गईं। सुरेश पचौरी की अगुआई वाली समिति में संगठन व सरकार के बड़े पदाधिकारी और मंत्रियों को शामिल किया गया है। वह (सोनिया) खाली बैठे वरिष्ठ व मझोले नेताओं के पुनर्वास को भी मंजूरी दे गई हैं। पार्टी ने सोनिया की बीमारी का राज तो सार्वजनिक नहीं किया, लेकिन 4 अगस्त को उनके सफल आपरेशन की घोषणा के साथ ही मीडिया से उनके स्वास्थ्य को लेकर निजता की भावनात्मक अपील की है। सोनिया अभी आइसीयू में हैं। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने शुक्रवार को नई कमेटियों के गठन और पुराने प्रकोष्ठों के पुनर्गठन की घोषणा कर दी है। इनमें सबसे अहम सुरेश पचौरी की अध्यक्षता में बड़े नामों वाली एक शोध एवं समन्वय कमेटी का गठन है। अरसे से कांग्रेस में शीर्ष स्तर पर पार्टी और सरकार के बीच समन्वय की जरूरत महसूस की जा रही थी। इसी क्रम में समिति गठित कर पचौरी को इसका चेयरमैन बनाया गया है और इसमें कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी, दिग्विजय सिंह, केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी, जयराम रमेश, पवन बंसल, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक के साथ रेणुका चौधरी, संदीप दीक्षित और मनीष तिवारी भी हैं। इस समिति का उप समूह भी बनाया गया है, जिसके संयोजक पचौरी ही हैं और उसमें पवन बंसल, जयराम रमेश और संदीप दीक्षित हैं। मीडिया विभाग की कमान जनार्दन द्विवेदी को चेयरमैन बनाकर रखी गई है। मनीष तिवारी और अभिषेक मनु सिंघवी के साथ-साथ रेणुका चौधरी और राशिद अल्वी को प्रवक्ता बनाया गया है। इसके अलावा कांग्रेस संदेश के संपादक अनिल शास्त्री को विवादास्पद संपादकीय की कीमत चुकानी पड़ी है। संपादकीय में शास्त्री ने रामदेव की अगवानी के लिए तीन मंत्रियों के जाने की आलोचना की थी। शास्त्री को हिंदी विभाग का अध्यक्ष और उनके सहयोगी पंकज शर्मा को सचिव बनाया गया है। कांग्रेस संदेश का संपादक पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास को बनाया गया है। संदेश के संपादकीय बोर्ड में सलमान खुर्शीद और जयराम रमेश भी रखे गए हैं। इसी तरह व्यास को विचार विभाग गठित कर उसका अध्यक्ष भी बनाया गया है।




Saturday, August 6, 2011

राहुल को कमान सौंप सर्जरी कराने अमेरिका गई सोनिया गांधी


नई दिल्ली डाक्टरों की सलाह पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को संसद सत्र शुरू होने से ठीक पहले सर्जरी के लिए अमेरिका रवाना होना पड़ा। वहां उनका आपरेशन सफल रहा, लेकिन पार्टी ने उनकी बीमारी, जाने के समय और अस्पताल का नाम सार्वजनिक नहीं किया। माना जा रहा है कि शुक्रवार को पारिवारिक सदस्य या डॉक्टर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दे सकते हैं। सोनिया ने सर्जरी के लिए रवाना होने से पूर्व पार्टी के कामकाज के लिए एक चार सदस्यीय समिति गठित की और उसकी कमान राहुल गांधी को सौंपी। यह राहुल की बढ़ती हैसियत का स्पष्ट संकेत है। इस समिति के तीन अन्य सदस्यों में पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी, सोनिया के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल और एक मात्र केंद्रीय मंत्री रक्षामंत्री एके एटंनी हैं। सोनिया गांधी को स्वास्थ्य लाभ के लिए करीब तीन हफ्ते विदेश प्रवास पर रहना होगा। प्रियंका, राहुल और सोनिया की मां और बहन भी उनके साथ ही हैं। सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका में सोनिया को ऐसे किसी चिकित्सा केंद्र में भर्ती कराया गया है जो इलाज के साथ-साथ विशेष सुरक्षा इंतजामों से भी लैस है। हर महत्वपूर्ण मसले पर गठित होने वाली समिति और जीओएम में शामिल और सरकार के संकटमोचक कहे जाने वाले प्रणब मुखर्जी को चार सदस्यीय समिति में जगह न मिलने पर उठ रहे सवालों को शीर्ष स्तर से तुरंत ही खारिज कर दिया गया। एक शीर्ष नेता ने कहा, फिलहाल संसद चल रही है और वहां का संचालन ज्यादा महत्वपूर्ण है, न कि संगठन का। प्रणब दा लोकसभा में न सिर्फ नेता सदन हैं, बल्कि सदन के मुख्य रणनीतिकार और सबसे वरिष्ठ नेता भी इसीलिए वह इस समिति में नहीं हैं। कांग्रेस की कोर कमेटी में अब तक नहीं शामिल हुए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को सोनिया गांधी की अनुपस्थिति में संचालन समिति का नेतृत्व सौंपने के राजनीतिक निहितार्थो से पार्टी के वरिष्ठ सूत्रों ने इंकार नहीं किया। उन्होंने कहा, राहुल पार्टी के महासचिव हैं और प्रमुख फैसलों में उनकी पूरी भागीदारी रहती है, ऐसे में उनका इसका अध्यक्ष होने पर कैसा संशय? सोनिया गांधी की बीमारी और उनके जाने के स्थान पर जनार्दन द्विवेदी की की तरफ से जारी बयान में सिर्फ यह कहा गया है कि डाक्टर की सलाह के बाद सोनिया गांधी विदेश में चिकित्सा के लिए गई हैं। वह संभवत: दो से तीन सप्ताह बाहर रहेंगी।

Tuesday, August 2, 2011

विपक्ष भी शरीके- ए- जुर्म हैं !


मोदी के प्रशंसक राज ठाकरे करेंगे गुजरात दौरा


अहमदाबाद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कट्टर समर्थक व महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे बुधवार से गुजरात की आठ दिवसीय यात्रा पर आ रहे हैं। मोदी ने राज को गुजरात के राज्य अतिथि का दर्जा दिया है। राज की इस यात्रा को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा तेज है। मोदी के विकास मॉडल की तारीफ कर चुके राज अब खुद यहां आकर विकास की बारीकियों को समझना चाहते हैं। अपने इस दौरे में राज अहमदाबाद, गांधीनगर के अलावा सूरत, वड़ोदरा, राजकोट आदि शहरों का दौरा करेंगे। वह विश्व प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर और द्वारका के अलावा धौलावीरा व लोथल जैसे प्राचीन पुरातात्विक स्थलों पर भी जाएंगे। मुंबई में उत्तर भारतीयों के खिलाफ आग उगलने वाले राज अपने गुजरात दौरे की शुरुआत 3 अगस्त को अहिंसा के पुजारी गांधीजी के साबरमती आश्रम से करने वाले हैं। मई, 2009 में मुंबई में एक जनसभा में मोदी को देश के प्रधानमंत्री पद के योग्य बताने वाले राज की इस गुजरात यात्रा को राजनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है। मोदी और राज के बीच बढ़ती करीबी को भाजपा के लिए महाराष्ट्र में एक और साथी तैयार रखने की रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है। हाल ही में राज ने मुंबई में महाराष्ट्र भाजपा कार्यालय पहुंचकर सबको हैरान कर दिया था। शिवसेना ने तो इस पर सहयोगी भाजपा के प्रति अपना रुख सख्त कर लिया था।