Wednesday, June 15, 2011

किसानों को गुलाम बनाना चाहता है केंद्र


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीज विधेयक को काला विधेयक करार देते हुए कहा है कि इसके माध्यम से केंद्र सरकार किसानों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों का गुलाम बनाने की साजिश रच रही है। उन्होंने सभी दलों के सांसदों का आह्वान किया है कि वे किसी भी कीमत पर संसद में इस विधेयक को पास न होने दें। उन्होंने कहा,इस मामले में भाजपा उनके साथ है। वाम दलों समेत अन्य दलों से वे बात करेंगे। नीतीश कुमार ने गुरुवार को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में जदयू किसान प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित किसान महासभा का उद्घाटन करते हुए विधेयक की खामियां गिनाईं और कहा, कृषि राज्यों का विषय है, लेकिन विधेयक में राज्यों को कोई अधिकार नहीं मिला है। किसानों को बीज की आपस में अदला-बदली करने का अधिकार नहीं रहेगा, कंपनी से ही उन्हें बीज मिलेगा। पूरी तरह से बहुराष्ट्रीय कंपनियों की मोनोपोली रहेगी। अच्छी गुणवत्ता वाले बीज मुहैया कराने की बात हो रही है,दाम पर कोई चर्चा नहीं है। कीमत तय करने का तंत्र बने और राज्यों की सहमति से दाम तय किये जाएं। विधेयक में बीज के फेल होने पर मुआवजा का कोई प्रावधान नहीं है। मुआवजा बीज की कीमत पर नहीं किसानों की फसल नुकसान के आधार पर दिया जाए। नकली बीज के लिए दंड का प्रावधान नहीं है। बीज बेचने के लिए दिल्ली में रजिस्ट्रेशन होगा। ऐसे में प्रदेश के किसानों को बीज के लिए दिल्ली जाना होगा? राज्यों में भी निबंधन की व्यवस्था हो। बहुराष्ट्रीय कंपनियों को व्यापार के लिए राज्यों से इजाजत लेने का भी प्रावधान किया जाए। किसानों की परिभाषा स्वामीनाथन आयोग द्वारा निर्धारित परिभाषा के अनुसार ही तय हो। बीज के पैकेट पर स्थानीय भाषाओं में भी जानकारी लिखी जाए। उन्होंने कहा, दो साल पहले प्रदेश में 61,000 हेक्टेयर में मक्के के बीज फेल हुए तो उल्टा किसानों पर ही कंपनी ने तोहमत लगा दी कि बीज ढंग से नहीं बोए। राज्य सरकार ने प्रति हेक्टेयर दस हजार रुपये के हिसाब से किसानों को मुआवजा दिया। नीतीश ने कहा, आप सभी जाग जाएं, आपके जागने भर की देर है.


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