Wednesday, June 29, 2011

अशोक चह्वाण ने देशमुख पर फोड़ा घोटाले का ठीकरा


महाराष्ट्र के दो पूर्व मुख्यमंत्री आदर्श सोसाइटी घोटाले में आरोपों का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ रहे हैं। इस घोटाले में घिरने के कारण मुख्यमंत्री का पद गंवाने वाले अशोक चह्वाण ने सोमवार को इसके लिए अपने पूर्ववर्ती और मौजूदा केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख को जिम्मेदार ठहराया। चह्वाण ने अपने हलफनामे में कहा कि 25 लाख रुपये से ज्यादा कीमत के भूखंड पर फैसला करने का अधिकार मुख्यमंत्री को होता है, न कि राजस्व मंत्री को। आदर्श सोसाइटी को भूखंड देते वक्त अशोक चह्वाण महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री थे और देशमुख मुख्यमंत्री। अशोक चह्वाण ने सोमवार को दो सदस्यीय पाटिल आयोग के समक्ष आठ पेज का हलफनामा दाखिल किया। इसमें उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा है, मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में मैंने विवादित आदर्श हाउसिंग सोसाइटी में फ्लैटों के आवंटन में कुछ भी गलत या नियम विरुद्ध नहीं किया, ही किसी आम नागरिक को फ्लैट आवंटन की सलाह दी। यह घोटाला उजागर होने के बाद पिछले साल नवंबर में चह्वाण को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। उन पर आरोप है कि उन्होंने सोसाइटी में अपनी सास और कुछ अन्य रिश्तेदारों को फ्लैट दिलवाए थे। चह्वाण ने हलफनामे में कहा है कि उनकी सास को फ्लैट आवंटित करने की पूरी कार्यवाही अधिकारियों द्वारा पूरी की गई थी। दक्षिण मुंबई के अत्यंत महंगे इलाके में पहले उक्त हाउसिंग सोसाइटी की सिर्फ छह मंजिली इमारत प्रस्तावित थी। लेकिन, नेताओं और नौकरशाहों द्वारा रुचि लेने के कारण 31 मंजिली इमारत खड़ी कर दी गई। अशोक चह्वाण पर आरोप लगता रहा है कि उनकी सलाह पर ही आदर्श सोसाइटी में आम नागरिकों को फ्लैट आवंटन की प्रक्रिया शुरू की गई। जबकि, पहले सोसाइटी के फ्लैट सिर्फ कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों की विधवाओं को ही दिए जाने थे। जांच आयोग के सामने दिए अपने शपथपत्र में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने कहा था, सोसाइटी का भूखंड राज्य सरकार की संपत्ति था। इसे सोसाइटी को देने के बदले इसमें सैनिकों के साथ-साथ आम नागरिकों को भी फ्लैट देने की सलाह तत्कालीन राजस्व मंत्री ने दी थी। चह्वाण के हलफनामे पर देशमुख ने कहा, अब यह फैसला आयोग को करना है कि कौन सही है और कौन गलत।


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