गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में रामलीला मैदान पर पुलिसिया कार्रवाई को रावणलीला बताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार बाबा के सत्याग्रह से डर गई। लोकतांत्रिक अनशन को कुचलने के लिए कानून की मर्यादाओं का भी ख्याल नहीं रखा गया। घटना के लिए सीधे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि पीएम को अब अपनी हैसियत और ताकत दिखानी चाहिए। अहमदाबाद में रविवार सुबह एक समारोह में मोदी ने कहा कि रामलीला मैदान पर हुई 5 जून 2011 की घटना ने 25 जून 1975 की याद को ताजा कर दिया है। अगर रामदेव का भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में सरकार को कोई दोष नजर आ रहा था तो सरकार को पहले ही उसे रोक देना चाहिए था। केंद्र सरकार के 4 मंत्रियों ने कभी अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा का भी ऐसा स्वागत नहीं किया होगा जैसा दिल्ली एयरपोर्ट पर बाबा रामदेव 2 जून की शाम को किया गया। सरकार की बाबा से लगातार बात चलती रही, लेकिन 4 जून की रात्रि अचानक पुलिस ने बर्बरतापूर्ण हमला कर शांतिपूर्ण तरीके से अनशन कर रहे बाबा, महिलाओं और बच्चों पर जुल्म ढाया। ऐसे देश नहीं चल सकता, कांग्रेस की यह फितरत रही है। मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस देश को विश्वास दिलाना चाहिए कि वे कालाधान वापस लेकर आएंगे। मोदी यह कहकर भी कांग्रेस पर हमला किया कि चूंकि अब तक भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस की साथी पार्टियों पर हमला हुआ इसलिए सरकार चुप रही लेकिन बाबा के आंदोलन से खुद कांग्रेस कठघरे में आ गई थी। इसलिए कांग्रेस ने मध्य रात्रि पुलिस कार्रवाई कर सत्याग्रहियों पर दमनपूर्वक कार्यवाही की। मोदी ने कहा कि इस घटना के लिए सरकार को देश की 121 करोड़ जनता को जवाब देना पड़ेगा। विदेश से कालाधान लाना गुनाह है, भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन गुनाह है तो बाबा रामदेव के खिलाफ जो कार्रवाई की गई यह हमें भी मंजूर है। मोदी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पहले अनशन को लेकर मीडिया के माध्यम से भ्रम फैलाने की कोशिश की गई जब झूठ से बात नहीं बनी तो बाबा पर पुलिस का हमला करा दिया। कांग्रेस देश की जनता की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश कर रही थी, कांग्रेस की यह फितरत ही रही है लेकिन जब इससे भी बात नहीं बनी तो दमन का रास्ता अपनाया गया। मोदी ने यह घोषणा की रामलीला की घटना से दिल्ली सल्तनत के अंत की शुरुआत हो गई है। महिलाओं व बालकों पर बर्बरता पूर्ण कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह खुद जिम्मेदार हैं, क्योंकि दिल्ली पुलिस प्रधानमंत्री के अधिकार में आती है ना कि दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के अधीन है। मोदी ने कहा कि रामदेव का अनशन देश को बचाने का था, विदेशों में जमा कालेधन को वापस लाने को था। कांग्रेस के ही कई नेता भी इस बात का समर्थन करते हैं। देश की जनता कालेधन को वापस लाने के लिए उठ खड़े हुई है और अब वह देश के धन को वापस लाकर ही दम लेंगे। सरकार कालाबाजारी हसन अली के गिरफ्तार होने से परेशान है तथा अब खुद कांग्रेस नेताओं की पोल खुलने से डरी हुई है।
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