Wednesday, June 29, 2011

84 के दंगों को भूल जाएं सिख


केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने सिखों से अपील की है कि वे 1984 के दंगों की कड़वी यादों को भूल जाएं। उन्होंने कहा, देश इस दुखद घटना से आगे बढ़ गया है। वह वक्त आ गया है जब हमें माफी दी जाए और एक नए भारत का निर्माण करने के लिए हम आगे बढ़ें, जहां नागरिकों के लिए धर्म पर विचार किए बिना समान स्थान हो। चिदंबरम ने शनिवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। दरअसल, 142 सिखों का नाम काली सूची से हटाए जाने में चिदंबरम की भूमिका को लेकर उन्हें सम्मानित करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। चिदंबरम ने 1984 की दुखद घटना को याद करते हुए कहा, देश वहां से आगे निकल चुका है और काली सूची से बड़ी संख्या में सिखों का नाम हटाने का छोटा सा काम बाकी रह गया था, जिसे हाल में सरकार ने पूरा कर लिया है। गृहमंत्री ने कहा, जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे,उस वक्त हम आगे बढ़े थे, हम इसके बाद भी आगे बढ़े। हम उस वक्त आगे बढ़े जब मनमोहन सिंह ने अपने भाषण में माफ करने की अपील की, सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से हम आगे बढ़े हैं। चिदंबरम ने संसद में सिंह के भाषण का हवाला दिया, जब उन्होंने इस घटना को लेकर सिख समुदाय से माफी मांगी थी। उन्होंने कहा, एक छोटा सा कदम रह गया था,यह कदम काली सूची से बड़ी संख्या में लोगों के नाम हटाए जाने का था। मैं इस बात को लेकर खुश हूं कि 142 लोगों को काली सूची से हटाए जाने की छोटी सी भूमिका मैंने अदा की। सरकार ने एक अहम फैसले में अपनी काली सूची से 142 वांछित आतंकवादियों और उनके सहयोगियों का नाम हटा दिया, जिनमें विभिन्न सिख उग्रवादी संगठन प्रमुख भी शामिल हैं। चिदंबरम ने इस बात का जिक्र किया कि सरकार सिख समुदाय की हर शिकायत को दूर करने की हर संभव कोशिश करेगी। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हिंसा के बाद वहां से भारत लौटे सिखों की मदद करने के लिए सरकार जल्द ही आदेश जारी करेगी। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में कहीं भी रहने वाले सिख के लिए भारत घर है। इसलिए जब कभी कहीं से सिख अपने घर (भारत) लौटते हैं, हमारा यह कर्तव्य है कि हम उनका भारत में स्वागत करें। चिदंबरम ने ननकाना साहिब जाने में सिखों को पेश आने वाली समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि इसका भी समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा, मैं जानता हूं कि कभी-कभी वीजा प्राप्त करने में दिक्कत होती है। इस समस्या का भी समाधान किया जाएगा। राष्ट्र के प्रति सिख समुदाय के योगदान की सराहना करते हुए गृहमंत्री ने सरकार की ओर से इस समुदाय को हरेक तरह की सहायता दिए जाने का भरोसा दिलाया। प्रणब से दुश्मनी की बात कपोल कल्पना पी.चिदंबरम ने उनके और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के बीच गृहयुद्ध (दुश्मनी) की बात को अति कपोल कल्पना करार दिया है। साथ ही मुखर्जी के दफ्तर में जासूसी की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि वहां ऐसा कुछ हुआ ही नहीं। चिदंबरम ने एक टीवी चैनल से कहा, मेरे और उनके (प्रणब) बीच उम्र में दस साल का अंतर है। वह बड़े, बुद्धिमान व वरिष्ठ हैं। वह कई मंत्रिमंडलीय समूहों के अध्यक्ष हैं और मैं हर समूह का सदस्य हूं। हम प्रतिदिन एक दूसरे से बात करते हैं और लगातार संपर्क में रहते हैं। यह केवल अति उतावलापन और कपोल कल्पना है। वह भाजपा के इस आरोप का जवाब दे रहे थे कि वित्त मंत्री-गृहमंत्री के बीच गृहयुद्ध चल रहा है। चिदंबरम ने कहा, उनके (भाजपा नेताओं) पास अति सक्रिय मस्तिष्क व कल्पना की उड़ान है। मैं सोचता हूं कि दरसल वे अपनी पार्टी में दोनों सदनों के नेताओं के बीच प्रतिदिन के युद्ध के साए में जीते हैं, इसलिए वे प्रेत ढूढते हैं जो है ही नहीं.

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