Wednesday, June 15, 2011

जयललिता ने मांगा चिदंबरम से इस्तीफा


तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने के बाद दिल्ली आईं अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जयललिता ने तमाम आवभगत के बावजूद कांग्रेस और केंद्र सरकार को न केवल आइना दिखाया, बल्कि असहज भी किया। प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचीं जयललिता का सात रेसकोर्स में गर्मजोशी से स्वागत हुआ- यहां तक कि परंपरा के विपरीत पीएमओ ने उनको लेने के लिए अपनी गाड़ी भेजी, लेकिन प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद उन्होंने द्रमुक कोटे के मंत्री दयानिधि मारन को मंत्री पद से हटाने की मांग करने के साथ गृह मंत्री चिदंबरम से इस आधार पर इस्तीफा मांग लिया कि उन्होंने 2009 का लोकसभा चुनाव धोखाधड़ी से जीता था। 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में नाम घसीटे जाने के कारण पहले ही परेशानी में पड़े चिदंबरम ने जयललिता के अप्रत्याशित वार का बचाव यह कहकर किया कि उन्हें अदालत की अवमानना करने की आदत है। इसलिए उनका आज का बयान बिलकुल भी चौंकाने वाला नहीं है। जयललिता ने मंगलवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान राज्य के विकास के लिए कई मांगें रखी। हालांकि वह केंद्र सरकार के मुखिया से मिले जवाब से संतुष्ट दिखीं, लेकिन उन्होंने कांग्रेस या यूपीए सरकार पर कोई मुरव्वत नहीं की। जया ने चिदंबरम पर बेईमानी व धोखाधड़ी से चुनाव जीतने का आरोप लगाते हुए कहा, वह 2009 में संसद के लिए कभी निर्वाचित नहीं हुए। उन्होंने देश के साथ धोखा किया है। हमारी पार्टी का उम्मीदवार चुनाव में जीता था। चिदंबरम ने धोखाधड़ी कर जीत हासिल की, लिहाजा उनका मंत्रिमंडल में रहना गैरवाजिब है। ध्यान रहे कि 2009 में शिवगंगा से चुनाव लड़े चिदंबरम मतों की दोबारा गिनती के बाद विजयी हुए थे। पहले उन्हें पराजित घोषित कर दिया गया था। सोनिया गांधी से भेंट के सवाल को जया ने यह कहकर नकार दिया कि द्रमुक और कांग्रेस केंद्र में मिलकर काम कर रहे हैं, ऐसे में मेरा मिलना उचित नहीं। कांग्रेस से गठजोड़ के सवाल पर उनका जवाब था,समर्थन जिन्हें चाहिए उन्हें बात करनी होगी। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने जया के बयान को अनियंत्रित बताकर चिदंबरम पर ही बचाव की जिम्मेदारी डाल दी। उन्होंने कहा, इस तरह के बयान पर कोई पार्टी प्रतिक्रिया कैसे दे सकती है। संबंधित व्यक्ति इसका जवाब देंगे। जया के तेवर कांग्रेस और केंद्र सरकार को इसलिए असहज करने वाले हैं, क्योंकि पार्टी और सरकार, दोनों ने उनके दिल्ली आगमन को खास तवज्जो दी थी। जया सोमवार को राजधानी पहुंचीं तो दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित उनसे मिलने गईं। मंगलवार को प्रधानमंत्री ने भी जया के लिए सात रेसकोर्स में आने के लिए विशेष व्यवस्था की। प्रधानमंत्री आवास पर सभी मुख्यमंत्रियों को सात रेसकोर्स पर अपनी कार छोड़कर पीएमओ की कार पर बैठना होता है। जया को इस जहमत से बचाने के लिए पीएमओ ने उन्हें लेने के लिए अपनी गाड़ी भेजी, ताकि वह बिना रुके प्रधानमंत्री से मिलने जा सकें।


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