Wednesday, June 29, 2011

लोकपाल पर अन्ना के आगे नहीं झुकेगी सरकार


लोकपाल मुद्दे पर सरकार और कांग्रेस अलग-अलग सुर नहीं अलापेगी। कांग्रेस कार्यसमिति में यह साफ कर दिया गया कि जो हो गया, सो हो गया। अब सरकार और पार्टी लोकपाल मसले पर मजबूती से एक साथ खड़े नजर आने चाहिए। भ्रष्टाचार और काले धन की तरह लोकपाल मुद्दे पर भी कांग्रेस बुकलेट छपवाकर पूरे देश में बांटेगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बैठक के अंत में ताकीद की कि इस मुद्दे पर अधिकृत प्रवक्ताओं या नेताओं के सिवाय दूसरे नेता मुंह न खोलें। इस ताकीद का असर भी दिखा। हर मुद्दे पर सबसे ज्यादा ज्यादा मुखर रहने वाले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह से जब इस संदर्भ में सवाल किया गया तो उनका कहना था, मीडिया चेयरमैन (जनार्दन द्विवेदी) से बात करिए। द्विवेदी ने लोकपाल पर कहा, कोई व्यक्ति कुछ भी मांग कर सकता है। सरकार को कमजोर नहीं दिखना चाहिए। दबाव का हथकंडा सही नहीं है। सीडब्ल्यूसी की शुरुआत सोनिया गांधी ने इस पूरे मसले पर पार्टी और सरकार के रुख पर बयान जारी कर की। सरकार और संगठन के बीच किसी भी तरह के मतभेद या संवादहीनता दूर करने पर सबसे ज्यादा जोर रहा। बेलगाम बयानबाजियों पर भी सोनिया ने सख्ती दिखाई। बैठक के अंत में कांग्रेस कार्यसमिति में उन्होने दो टूक कह दिया कि लोकपाल मसले पर पार्टी प्रवक्ता के अलावा अन्य नेता न बोलें। सोनिया गांधी व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मौजूदगी में हुई इस बैठक में लोकपाल मसले पर सिविल सोसाइटी के नाम पर टीम अन्ना को अत्याधिक तवज्जो दिए जाने के खिलाफ संगठन के सभी नेताओं ने एक सुर से मुखर विरोध दर्ज कराया। जनार्दन द्विवेदी ने स्पष्ट किया कि कार्य समिति में सबका कहना था कि चार-पांच लोग देश के भाग्य विधाता नहीं बन सकते। बकौल जनार्दन द्विवेदी प्रधानमंत्री ने भी सभी सदस्यों की भावनाओं से सहमति जताई। माना जा रहा है कि लोकपाल विधेयक में प्रधानमंत्री को लाने की मांग पर कांग्रेस का झुकना अब नामुमकिन है। लोकपाल विधेयक पर टीम अन्ना के खिलाफ आक्रामक हो रही कांग्रेस अपने पत्ते अभी भी खोलने को तैयार नहीं है। द्विवेदी ने स्पष्ट रूप से कहा भी कि सर्वदलीय बैठक के बाद ही सरकार अपना मत स्पष्ट करेगी और कांग्रेस उसके साथ होगी। पार्टी इस मसले पर देश में जगह-जगह रैली कर जनता से रूबरू भी होगी। हजारे के प्रस्तावित अनशन के बारे में द्विवेदी ने कहा कि पहले 16 अगस्त आने दीजिए। बैठक में प्रणब मुखर्जी ने टीम अन्ना के लोकपाल और सरकार के लोकपाल विधेयक के प्रारूप पर मोटी जानकारी दी तो गृह मंत्री पी चिदंबरम ने लोकपाल के चुनने की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला।


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