Wednesday, June 15, 2011

जया ने हिटलर से की द्रमुक शासन की तुलना



तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने द्रमुक शासन की तुलना हिटलर और ईदी अमीन जैसे तानाशाहों के शासन से करते हुए कहा कि जनता ने द्रमुक के खिलाफ इसीलिए मतदान किया क्योंकि उसे लगता था कि एक तानाशाह के शासनकाल में रह रहे हैं। अन्नाद्रमुक सुप्रीमो ने कहा, हालांकि वह द्रमुक नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज कराने के मौकों की तलाश नहीं कर रही हैं, लेकिन इस पार्टी के कई और नेता जेल जाएंगे। जया ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, तमिलनाडु की पूर्ववर्ती द्रमुक सरकार ने तानाशाही चला रखी थी। मीडिया तक की स्वतंत्रता को बंधक बना लिया गया था। द्रमुक शासनकाल में लोग महसूस करने लगे थे कि वह हिटलर या ईदी अमीन के तहत हैं। लोग दंडित करने के लिए सही अवसर की तलाश कर रहे थे। इसीलिए उन्होंने विधानसभा चुनाव में द्रमुक के खिलाफ वोट किया और उसे सत्ता से बाहर कर दिया। जयललिता ने आरोप लगाया कि कामकाज का खर्चीला अंदाज, भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद, प्रशासन की विफलता और प्रत्येक कारोबार में एक ही परिवार का प्रभुत्व द्रमुक सरकार के गिरने के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, पूर्ववर्ती सरकार ने पूरे सूबे को बड़ा कूड़ाघर बना कर रख दिया था। राज्य में बिजली नहीं, ज्यादातर जगहों पर लोगों को पेयजल मयस्सर नहीं। सत्ता में काबिज लोगों ने सिर्फ धन बटोरने पर ध्यान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, वह किसी (द्रमुक नेताओं) के खिलाफ मामले दर्ज कराने के लिए मौके नहीं तलाश रही हैं। इससे प्रदेश के विकास में मदद नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा,जिन मामलों में डीएमके के नेता ए. राजा और पार्टी प्रमुख एम. करुणानिधि की बेटी कनीमोरी जेल गई हैं। वह उन्होंने या उनकी सरकार ने दर्ज नहीं कराए हैं। ये मामले केंद्र सरकार ने दर्ज कराए हैं। द्रमुक के कुछ नेता और उनके परिवार के सदस्य जेल में हैं, और भी कुछ नेता जेल जाएंगे।


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