Sunday, January 9, 2011

सुषमा और जेटली संभालेंगे चुनाव वाले राज्यों की कमान

प्रभावी नेताओं की कमी से जूझ रहे भाजपा संगठन को एक बार फिर अपने संसदीय दल के नेताओं की तरफ ही देखना पड़ा। इस साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की कमान राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली और लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज को सौंपी गई है। जेटली असम व पश्चिम बंगाल का चुनाव संभालेंगे तो सुषमा के हवाले तमिलनाडु, केरल व पांडिचेरी रहेंगे। वेंकैया नायडू पर संगठन की विशेष जिम्मेदारी डाली गई है। एक तरह वह संगठन महामंत्री से ऊपर होंगे। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान चुनाव वाले राज्यों की स्थितियों में समीक्षा करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने यह घोषणाएं की हैं। अरुण जेटली इस समय राज्यसभा में पार्टी की कमान संभालने के साथ कर्नाटक मामलों के भी विशेष प्रभारी हैं। हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के समय भी राज्य में दो महासचिवों अनंत कुमार व धर्मेद्र प्रधान के प्रभारी व सह प्रभारी होने के बावजूद जेटली को ही कमान संभालनी पड़ी थी। अब असम व पश्चिम बंगाल की जिम्मेदारी उन पर डाली गई है। असम में असम गण परिषद के साथ पार्टी का गठबंधन अभी तक तय नहीं है। ऐसी स्थिति में पार्टी को अकेले ही चुनाव मैदान में उतरना पड़ सकता है। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज दक्षिण के तीनों राज्यों की चुनावी रणनीति संभालेंगी। केरल में पार्टी अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेगी, जबकि तमिलनाडु व पांडिचेरी में वह अन्नाद्रमुक के साथ तालमेल की संभावनाएं तलाश रही है। हालांकि इसके अभी तक कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिले हैं। सुषमा स्वराज व अरुण जेटली के हवाले पांचों राज्यों के चुनाव की कमान सौैंपने के साथ ही यह भी लगभग साफ हो गया है कि पार्टी संगठन के पास कुशल रणनीतिक प्रबंधकों की बेहद बेहद कमी है। भले ही वह उसमें युवा ऊर्जा से भरपूर है। नितिन गडकरी ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष वेंकैया नायडू को विभिन्न राज्यों के साथ समन्वय करने और केंद्रीय कार्यक्रमों को लागू कराने व उसकी समीक्षा की अहम जिम्मेदारी सौंपी है। नायडू पार्टी के विभिन्न प्रकोष्ठों व मोर्चो पर भी निगाह रखेंगे और देशभर का दौरा कर पार्टी संगठन की सेहत के बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष को हर स्थिति से अवगत करायेंगे।


No comments:

Post a Comment