Sunday, January 9, 2011

सिब्बल के बयान के बाद और जरुरी हुई जेपीसी

भ्रष्टाचार के मुद्दों पर केंद्र की संप्रग सरकार को कठघरे में खड़ा करने वाली भाजपा के तेवर दूर संचार मंत्री कपिल सिब्बल के नए तर्को के बाद और तीखे हो गए हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि ए. राजा और सरकार को पाक-साफ करार देकर कांग्रेस नेता बोफोर्स की गलती दोहराने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीएजी के खुलासे और सिब्बल के आंकड़े के बाद तो जेपीसी जांच और जरूरी हो जाती है। इस बीच आतंकवाद को लेकर असीमानंद के खुलासे से भाजपा थोड़ी असहज है। नए साल में सरकार पर चौतरफा उठ रहे सवालों से उत्साहित भाजपा के नेता रणनीति बनाने गुवाहाटी में जुटे हैं। आतंकवाद के मामले पर असीमानंद के खुलासे से उन्हें थोड़ा झटका जरूर लगा है पर वह इसके कारण भ्रष्टाचार के मुद्दे की धार को कमजोर नहीं होने देना चाहते। सरकार की तरफ सिब्बल ने मोर्चा संभाला तो उनका जवाब जेटली ने दिया। उन्होंने दो टूक कहा कि उन्हें पहले ही आशंका थी कि संप्रग सरकार सच्चाई सामने लाने की बजाय पूरे मामले को रफा-दफा करने की कोशिश करेगी। बोफोर्स मामले में 23 साल उसने यही किया। सिब्बल ने विकृत आंकड़े पेश कर यह साबित करने की कोशिश की है कि ए. राजा ने नुकसान नहीं, बल्कि लाभ कराया है। यह आंखों में धूल झोंकने जैसा है। जेटली ने कहा कि अगर ऐसा था तो इस्तीफा क्यूं लिया? सीबीआई और पीएसी की जांच का क्या मतलब है? जेटली ने कहा कि 2007 में जब दूर संचार नियामक (ट्राई) ने बाजार दर पर आवंटन देना तय किया था तो 2008 में वर्ष 2001 की दर पर आवंटन कैसे किया गया। वर्ष 2008 में यह दर 9500 करोड़ रुपये थी, जबकि आवंटन 1651 करोड़ रुपये पर किया गया। सीएजी ने चार अलग- अलग तरीके से नुकसान का आकलन किया है। उसने 3जी के भी इसी आधार पर आवंटन किए जाने पर 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की बात कही है। उन्होंने सिब्बल के तर्को पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उन्होंने सीबीआई, पीएसी और जेपीसी का दायित्व निभाते हुए जिस तरह खुद ही सरकार को पाक-साफ करार दे दिया वह हास्यास्पद है। इसके पहले असीमानंद के आतंकवादी घटना में शामिल होने की स्वीकारोक्ति व संघ के नेताओं पर उंगली उठाने के खुलासे पर टिप्पणी करते हुए भाजपा ने इसे मोड़ दे दिया। पार्टी ने कहा कि आतंकवाद को भगवा रंग देने की साजिश हो रही है। मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जांच होनी चाहिए, लेकिन यह ध्यान रखा जाए कि वह पूर्वाग्रह से ग्रसित न हो। उन्होंने कहा कि जो दोषी है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने इस तरह की खबरों को लीक किए जाने पर भी चिंता जताई।

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