Friday, January 28, 2011

भाजपा की तिरंगा यात्रा ने कांग्रेस को चिंता में डाला


भाजपा की तिरंगा यात्रा का कांग्रेस से जवाब देते नहीं बन रहा है। पार्टी की चिंता है कि कहीं भाजपा इसका राजनीतिक लाभ उठाने में सफल न हो जाए। इस विषय पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रणव मुखर्जी, एके एंटनी और गुलामनवी आजाद के साथ एक बैठक भी की। बताया जा रहा है कि पार्टी में कश्मीर के मामले को फिलहाल ऑस्कर फर्नांडिस देखेंगे। एक तरफ कांग्रेस को श्रीनगर में लाल चौक पर तिरंगा फहराने के बहाने भाजपा को राजनीतिक लाभ मिलने की चिंता है, वहीं दूसरी तरफ पार्टी ने इस संभावित नुकसान की भरपाई के लिए भाजपा और उसके मातृ संगठन आरएसएस पर हमले तेज करने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इस क्रम में कांग्रेस ने भाजपा पर कई सवाल दागे हैं। प्रवक्ता मनीष तिवारी ने भाजपा नेताओं से पूछा है कि अगर उनके अंदर ज्यादा ही देशप्रेम उमड़ रहा है तो वे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में जाकर तिरंगा क्यों नहीं फहराते ? उन्होंने कहा कि वह भाजपा नेताओं को सलाह देना चाहेंगे कि वे अपनी पार्टी की सरकारवाले राज्य छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के कब्जेवाले दंडकारण्य में जाकर तिरंगा फहरा लें ? इस मामले में कांग्रेस ने आरएसएस को भी लपेटा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने भाजपा से सवाल किया है कि वह यह बताए कि आरएसएस 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस क्यों नहीं मानती ? उन्होंने आरएसएस पर आरोप लगाया कि वह 14 अगस्त को कार्यक्रम आयोजित करता है। बिना कहे कांग्रेस नेता ने यह स्मरण करा दिया कि 14 अगस्त को पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस मनाती है। कांग्रेस नेता मोहन प्रकाश ने यह आरोप भी लगाया कि आरएसएस देश की आजादी का कोई सम्मान नहीं करती और यही वजह है कि अभी भी वह भगवा ध्वज को तिरंगे से ज्यादा अहमियत देती है और अपने दफ्तरों पर इसे ही फहराती है। कांग्रेस ने और कई सवाल भी भाजपा से किए हैं। प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने कहा कि भाजपा को यह बताना चाहिए कि आरएसएस अपने सभी दफ्तरों पर तिरंगा क्यों नहीं फहराती ? उन्होंने कहा कि नागपुर के आरएसएस मुख्यालय पर तिरंगा फहराने के लिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने लाठियां खाईं और 600 कार्यकर्ताओं को जेल भेजा गया। तब जाकर आजादी के बाद पहली बार साल 2003 में आरएसएस ने नागपुर में अपने मुख्यालय पर तिरंगा फहराया। कांग्रेस नेता ने भाजपा नेताओं से इस पर सवाल किया कि उन्होंने हुबली में ईदगाह मैदान पर भी कभी तिरंगा फहराया था, पर आज जबकि कर्नाटक में उनकी अपनी सरकार है वे वहां जाकर तिरंगा क्यों नहीं फहराते ? उन्होंने कहा कि भाजपा का तिरंगे से कोई लेना-देना नहीं है। वह तो तनाव पैदा करने के लिए इसे मुद्दा बनाने की हरकत कर रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा को इस सवाल का भी जवाब देना चाहिए उसे 19 साल बाद (साल 1992 में डा.मुरली मनोहर जोशी ने वहां तिरंगा फहराया था) श्रीनगर में तिरंगा फहराने की क्या सूझी है ? हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता का भाजपा पर यह आरोप भी है कि डा.जोशी के तिरंगा फहराने के बाद कश्मीर में आतंकवाद बढ़ा। उन्होंने कहा कि भाजपा की तिरंगा यात्रा से आतंकवादियों का ही फायदा होनेवाला है। आखिर में कांग्रेस नेता ने भाजपा से यह सवाल किया कि कश्मीर जाकर भाजपा नेताओं को तिरंगा फहराने का क्या हक है। कश्मीर के लोग वहां के सभी जिलों में तिरंगा फहराते हैं। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा के दफ्तर जाकर कांग्रेसी तिरंगा फहराएंगे तो भाजपा नेताओं को कैसा लगेगा ?
कहा, पाक अधिकृत कश्मीर जाकर क्यों नहीं फहराते तिरंगा
हुबली में अब तिरंगा क्यों नहीं फहराता आरएसएस


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