श्रीनगर के लाल चौक पर 26 जनवरी को तिरंगा फहराने के मुद्दे पर नेशनल कांफ्रेंस सरकार और भाजपा आमने सामने आ गई है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने न केवल अलगावादी नेता यासीन मलिक के सुर में सुर मिलाए बल्कि यह चेतावनी भी दी कि इससे घाटी में किसी भी तरह की प्रतिक्रिया के लिए भाजपा जिम्मेदार होगी। भाजपा ने उमर की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को यह नहीं भूलना चाहिए कि तिरंगा लहराने के बारे में भाजपा को उनसे किसी प्रमाण पत्र या इजाजत की जरूरत नहीं है। पार्टी ने इस मामले पर राज्य सरकार में साझीदार कांग्रेस पर भी निशाना साधा है। गौरतलब है कि भाजपा भाजयुमो अध्यक्ष अनुराग ठाकुर की अगुवाई में 12 जनवरी से 26 जनवरी तक कोलकाता से श्रीनगर तक तिरंगा ध्वज के साथ राष्ट्रीय एकता यात्रा निकालने जा रही है। मोर्चा इस यात्रा के समापन पर श्रीनगर के लाल चौक पर 26 जनवरी को तिरंगा फहराया जाना है। इसे लेकर राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि इस घटना से शांत घाटी में फिर से आग लग सकती है और इसकी सारी जिम्मेदारी भाजपा की होगी। मुख्यमंत्री के रूप में दो वर्ष पूरा होने के मौके पर बुधवार को श्रीनगर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उमर ने यह टिप्पणी की। उमर की यह टिप्पणी जेकेएलएफ चेयरमैन यासीन मलिक के मंगलवार के उस बयान के बाद आई है जिसमें भाजयुमो को लाल चौक में तिरंगा फहराने की चुनौती दी गई थी। भाजपा कोर ग्रुप की बैठक के बाद उमर सरकार की आलोचना करते हुए राज्यसभा में नेता विपक्ष अरुण जेटली ने कहा कि भाजपा का मानना है कि जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न अंग है और उसकी यात्रा इसी भावना का मजबूत संदेश देने के लिए है। यात्रा का मकसद हिंसा भड़काना नहीं है। भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, 26 जनवरी के दिन श्रीनगर में तिरंगा लहराने से पहले हमें किसी की इजाजत या प्रमाण-पत्र की जरूरत नहीं है। उमर यह नहीं भूलें कि वह अलगाववादी नेता नहीं हैं। वह भारत के एक अभिन्न राज्य के मुख्यमंत्री हैं। हुसैन का कहना था कि जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस की मिलीजुली सरकार है। इसलिए मुख्यमंत्री का बयान कांग्रेस का भी बयान माना जाएगा। इसलिए कांग्रेस को साफ करना होगा कि वह श्रीनगर में राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के पक्ष में है या नहीं। भाजयुमो अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा है कि वह अपनी यात्रा हर हाल में पूरी करेंगे और लाल चौक में तिरंगा फहराएंगे। इस बीच, भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने जम्मू-कश्मीर की विशेष परिस्थिति को देखते हुए पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह के नेतृत्व में पांच सदस्यीय अध्ययन दल की गठन किया है। यह दल जम्मू व घाटी के साथ लद्दाख व कारगिल क्षेत्र का भी दौरा करेगा।
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