Saturday, January 15, 2011

तेलंगाना से उप मुख्यमंत्री बनाना चाहती है कांग्रेस

पृथक तेलंगाना राज्य के गठन की बढ़ती मांग के बीच कांग्रेस एक ओर जहां देखो और इंतजार करो की रणनीति पर अमल कर रही है,वहीं दूसरी तरफ उसका प्रयास तेलंगाना क्षेत्र से पार्टी के किसी दमदार नेता को राज्य का उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त कर सत्ता संतुलन बनाना है। कांग्रेस को मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी पर भरोसा है कि वह स्थिति से निपट लेंगे। हालांकि तेलंगाना क्षेत्र के कांग्रेस सांसद पृथक राज्य की मांग से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। तेलंगाना क्षेत्र के 14 पार्टी सांसदों द्वारा पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी और एके एंटनी से करने के एक दिन बाद राज्य के पार्टी सूत्रों ने बताया कि शीर्ष नेतृत्व इस लाइन पर सोच रहा है। इसे पीछे इरादा यह है कि चूंकि मुख्यमंत्री गैर तेलंगाना क्षेत्र के हैं इसलिए तेलंगाना क्षेत्र के किसी नेता को उपमुख्यमंत्री और साथ ही प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने से पृथक तेलंगाना राज्य के लिए चल रहे आंदोलन पर अच्छा असर पड़ सकता है। प्रदेश कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष डी श्रीनिवास राव तेलंगाना क्षेत्र के रहने वाले हैं,लेकिन उनका कार्यकाल समाप्त होने वाला है। कांग्रेस को वर्तमान में आंध्र प्रदेश में तेलंगाना मुद्दे के साथ साथ जगनमोहन रेड्डी के बगावती तेवर से भी जूझना पड़ रहा है। ऐसे में प्रणब मुखर्जी ने पार्टी सांसदों से कहा कि वे सहयोग करें। उन्होंने सांसदों को आश्वस्त किया कि उनके विचारों से पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अवगत कराया जाएगा। हालांकि सांसद अपनी मांग पर कायम हैं। तेलंगाना क्षेत्र के पार्टी के एक वरिष्ठ सांसद ने कहा कि पीछे हटने का सवाल नहीं है। पृथक तेलंगाना राज्य की अपनी मांग के पूरा होने तक वे चुप नहीं बैठेंगे। पृथक तेलंगाना के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। तेलंगाना के लोगों की यह बहुत पुरानी मांग है और हम उनके साथ खड़े हैं। बताया जाता है कि मुखर्जी सांसदों से अलग अलग मिलना चाहते थे,लेकिन सांसदों ने उनसे एक साथ मिलने पर जोर दिया ताकि उनके बीच कोई भ्रम न बना रहे। इस बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य के केशव राव ने कहा कि हम पूरी तरह से आशान्वित हैं। पार्टी के एक अन्य सांसद पी हनुमंत राव ने कहा कि हम पृथक तेलंगाना राज्य चाहते हैं। यह जनता का आंदोलन है। पार्टी सांसदों की प्रणब दा और एंटनी के साथ यह बैठक जगनमोहन रेड्डी द्वारा राजधानी में धरने के साथ शक्ति प्रदर्शन करने के एक दिन बाद हुई। रेडडी के धरने में कांग्रेस के करीब दो दर्जन सांसदों ने हिस्सा लिया।

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