Sunday, January 23, 2011

तिरंगा फहराने की जिद ने उड़ाई उमर की नींद


श्रीनगर के लाल चौक में 26 जनवरी को तिरंगा फहराने निकली भाजपा की युवा ब्रिगेड से निपटने के लिए दिल्ली आए राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गृहमंत्री पी चिदंबरम व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें राज्य के हालात की जानकारी दी है। इधर भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने उमर और केंद्र सरकार के रवैये की तीखी आलोचना करते हुए दो टूक कहा है कि 26 जनवरी को देश के किसी भी हिस्से में तिरंगा फहराने के लिए उसे किसी से प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है। जैसे-जैसे 26 जनवरी का दिन पास आता जा रहा है, उमर सरकार की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अब दिल्ली आकर इससे निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। गृहमंत्री व कांग्रेस अध्यक्ष के साथ मुलाकातों में उमर ने स्पष्ट किया है कि 26 जनवरी और 15 अगस्त के दिन सारे देश में सतर्कता बरती जाती है और जम्मू-कश्मीर में तो अतिरिक्त सावधानी रखी जाती है। ऐसे में भाजपा की यात्रा के जाने से तमाम मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। राज्य सरकार इस यात्रा को जम्मू से आगे नहीं जाने देना चाहती है, जबकि भाजपा फिलहाल इसके लिए तैयार नहीं है। भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने उमर व केंद्र दोनों पर निशाना साधते हुए गृहमंत्री से स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने कहा है कि भाजपा को भारत के किसी भी हिस्से में तिरंगा फहराने के लिए किसी से प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है। भाजयुमो देश की एकता-अखंडता के लिए यात्रा निकाल रहा है और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को तो उसका स्वागत करना चाहिए। उमर विरोध कर रहे हैं तो उन्हें यह स्पष्ट भी करना होगा कि इससे क्या खतरा है? शाहनवाज ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि एक मुख्यमंत्री भी यासीन मलिक जैसे अलगाववादी नेताओं की भाषा बोल रहे हैं। इधर भाजपा में इस यात्रा के समापन को लेकर मंथन तेज हो गया है। पार्टी इस यात्रा का राजनीतिक लाभ किसी भी सूरत में विरोधी खेमे में नहीं जाने देना चाहती है। इसलिए वह बेहद सतर्क है और यात्रा के जम्मू-कश्मीर में समापन को लेकर रणनीति बनाने में जुट गई है। सूत्रों के अनुसार पार्टी जम्मू रैली को अपने यात्रा समापन का सबसे बड़ा कार्यक्रम बनाने जा रही है।


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