Wednesday, January 19, 2011

दिग्गी ने सुर बदला, यह हिंदू नहीं संघ का आतंकवाद

हिंदू आतंकवाद की बीन बजाने वाले कांग्रेस महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रविवार को संघ आतंकवाद के रूप में नया राग अलापा। साथ ही कहा,मालेगांव और समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट के वांछित आरोपियों संदीप डांगे और रामजी कलसांगरा को भी संघ प्रचारक सुनील जोशी की तरह कत्ल किया जा सकता है। दिग्विजय सिंह ने इंदौर में पत्रकारों से बातचीत में कहा, हैदराबाद की मक्का मस्जिद में धमाका, समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट और अजमेर की दरगाह में धमाके की साजिश हिंदू आतंकवाद नहीं बल्कि संघ आतंकवाद का एक रूप है। असीमानंद के कबूलनामे से साबित होता है कि संघ परिवार इन घटनाओं में शामिल है। सिंह ने कहा, संघ के मुखिया मोहन भागवत के बयान कि ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों को संगठन से बाहर किया जा चुका है, सिर्फ दिखावा है। दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि 2007 के समझौता एक्सप्रेस बम कांड के वांछितों संदीप डांगे, रामजी कलसांगरा तथा संघ के मृत प्रचारक सुनील जोशी का नाम लेते हुए कहा, फरारी के दौरान मध्य प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने न केवल उन्हें शरण दी, बल्कि आर्थिक मदद भी मुहैया कराई। कांग्रेस महासचिव ने कहा, हम चाहते हैं कि उचित जांच के जरिए ये सारी बातें उजागर की जाएं। समझौता एक्सप्रेस बम धमाके के वांछितों डांगे और कलसांगरा की गिरफ्तारी पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 10-10 लाख का इनाम घोषित किया है। मध्य प्रदेश सरकार निश्चित तौर पर दोनों को बचाती रही है। भाजपा के सारे बड़े नेताओं को पता है कि दोनों कहां हैं। सिंह ने आरोप लगाया कि संघ प्रचारक जोशी के हत्यारों को भी मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार संरक्षण देती रही है। डांगे और कलसांगरा की भी जोशी की तरह की हत्या की जा सकती है। मध्य प्रदेश के देवास जिले में दिसंबर 2007 में जोशी की रहस्यमत अंजाम में मौत हुई थी। दिग्ििवजय ने दावा किया कि जोशी अपनी हत्या से पहले सारे राज फाश करने की धमकी देकर कुछ नेताओं को ब्लैकमेल कर रहा था। इसी लिए उसे कत्ल करवा दिया गया।


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