Friday, January 21, 2011

यूपी में अकेले ही लड़ेंगे, सरकार भी बनाएंगे


दो दिन के मंथन के बाद कांग्रेस ने आगामी चुनावों के नजरिए से अपनी दिशा तय कर ली। पार्टी यूपी में आक्रामक होगी और केंद्रीय योजनाओं के अस्त्र से बसपा पर तीखे हमले बोलेगी। इस बार समय से पहले ही प्रत्याशियों की घोषणा भी की जाएगी। पार्टी के महासचिव राहुल गांधी ने कांग्रेसियों का आह्वान किया कि वह मनोबल ऊंचा रखें। हम चुनाव अकेले लड़ेंगे और अपने ही बूते सरकार भी बनाएंगे। राहुल गांधी और केंद्र के पांचों मंत्रियों की मौजूदगी में साढ़े चार घंटे तक चली बैठक में यह साफ हो गया कि महंगाई गंभीर मुद्दा है, लेकिन स्थिति स्पष्ट करनी होगी। सामान्य महंगाई राज्य का विषय है और जनता को यह बात बताई जानी चाहिए। केंद्रीय योजनाओं की निगरानी के लिए एक कमेटी का गठन किया गया। प्रदेश अध्यक्ष डा. रीता बहुगुणा जोशी को इसकी कमान सौंपी गई। राष्ट्रीय महासचिव, तीन राष्ट्रीय सचिव, प्रदेश के प्रभारी व व विधानमंडल व विधान परिषद में दल के नेता इसके सदस्य बनाए गए। यह कमेटी हर जिले में एक कोआर्डिनेटर रखेगी, जिससे मिली जानकारी के आधार पर हाईकमान को रिपोर्ट की जाएगी। पार्टी अप्रैल में एक राज्य स्तरीय सम्मेलन भी करेगी। इससे पहले सभी जिलों में पार्टी का सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए यूपी प्रभारी दिग्विजय सिंह और प्रदेश अध्यक्ष डा. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि पार्टी कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार और बसपा के दमन की विधानसभावार घटनाएं एकत्रित कराएगी और साल के अंत में चार्जशीट बनाकर उसे राज्यपाल को सौंपेगी। सिंह ने कहा कि पार्टी दृढ़ता, दबंगता और एकजुटता से लड़ेगी। इसके नतीजे आश्चर्यजनक होंगे। इस बार प्रत्याशियों की घोषणा समय से पहले की जाएगी। प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया में सीधे आवेदन न लेकर जिलों से प्रस्ताव मांगे जाएंगे। राज्य की चुनाव समिति इन नामों पर लखनऊ में चर्चा करेगी। इसमें जिले के नेताओं को भी बुलाया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अपना प्रस्ताव स्क्रीनिग कमेटी को भेजेगी। यह काम 31 मई तक पूरा कर लिया जाएगा। इससे पहले राहुल गांधी ने अपने 11 मिनट के संबोधन में पार्टीजनों में जोश भरा। उन्होंने कहा कि हम अपने बूते सरकार बनाएंगे, लेकिन हमें अपनी मनोदशा बदलनी होगी। क्या कारण है कि एक दिन हम ढाई सौ सीटें मिलने की बात करते हैं और दूसरे ही दिन कुछ हो जाने पर हम चालीस सीट पर सिमट आते हैं। हमें खुद पर भरोसा करना होगा। अपनी योग्यताओं को समझना होगा। प्रदेश के भ्रष्टाचार को उजागर करना होगा। केंद्र के हजारों करोड़ रुपये की निगरानी की आवश्यकता है। दो दिनों तक चली इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव, मोहसिना किदवई, जगदंबिका पाल, बेनी प्रसाद वर्मा, परवेज हाशमी, जयदेव जेना, अविनाश पांडेय समेत समन्वय समिति के 73 सदस्यों में 68 शामिल थे।

  

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