बिहार के चुनाव परिणामों ने उत्तर प्रदेश में सबसे कमजोर स्थिति से जूझ रही भाजपा में नई जान फूंक दी है। बिहार चुनाव के बाद हुए पार्टी के अंदरूनी सर्वे में पार्टी के वोट बैंक में साढ़े चार फीसदी का इजाफा हुआ है और वह बीते लोकसभा चुनाव की तुलना में कांग्रेस से आगे आ गई है। पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने तो कांग्रेस नेतृत्व पर सीधा हमला बोलते हुए कहा है कि कि बिहार के परिणामों ने बता दिया है कि राहुल का कितना असर है? पार्टी उत्तर प्रदेश में कभी न कभी जीती गई लगभग 300 सीटों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी और राज्य में अपनी सरकार बनाने के लक्ष्य को लेकर चुनाव मैदान में उतरेगी। गडकरी ने उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी फैक्टर के बारे में कहा कि अब तो राहुल गांधी के दौरे भी वहां पर मुश्किल हो गए हैं? बिहार के चुनाव ने सिद्ध कर दिया है कि वह क्या है? जहां-जहां वह और सोनिया गांधी चुनाव प्रचार करने गए, वहां पर पार्टी चुनाव हारी है। पहले नौ सीटें थी, अब चार रह गई हैं। राहुल को उत्तर प्रदेश में भी प्रदर्शनों का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि बिहार चुनाव से पहले राज्य में मायावती व मुलायम के विकल्प के बारे में कांग्रेस उभर रही थी, लेकिन अब भाजपा ने उसे पीछे छोड़ दिया है। वहां की जनता मायावती सरकार से नाराज है और मुलायम को वह चाहती नहीं है। भाजपा उत्तर प्रदेश में भी बिहार फार्मूले पर अमल करनी जा रही है। अंतर केवल इतना है कि वहां पर गठबंधन में चुनाव मैदान में थी और उत्तर प्रदेश में अकेले। उत्तर प्रदेश के लिए अपनी भावी तैयारी के बारे में गडकरी ने जागरण से चर्चा करते हुए दो टूक कहा कि कहा, हमारे घर में भी उत्तर प्रदेश में लेकर कोई झगड़ा नहीं है। अब पूरी ताकत यूपी पर है। बिहार चुनाव के पहले सर्वे किए थे तब चौथे नंबर पर थे। पर अब हमारा 4.5 फीसदी वोट बढ़ा है और कांग्रेस चौथे नंबर पर गई है। आने वाले दिनों में हम मायावती सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज करेंगे। लोग मायावती व मुलायम को छोड़कर तीसरे विकल्प की तलाश में है। कांग्रेस पार्टी से लोग महंगाई भ्रष्टाचार को लेकर नाराज है।
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