Wednesday, February 2, 2011

भाजपा के तेवर से बजट सत्र पर घिरने लगे संकट के बादल


सीवीसी पीजे.थामस को लेकर लाचार और भ्रष्टाचार के दूसरे मुद्दों पर बेबस दिख रही सरकार पर भाजपा ने अब और दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है। एक तरफ जहां पूरे मुद्दे में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को भागीदार बताते हुए थामस को हटाने की मांग तेज हो गई है, वहीं 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले व भ्रष्टाचार की जांच के लिए जेपीसी की जरूरत दोहराते हुए बजट सत्र पर मंडरा रहे खतरे की भी याद दिलाई जाने लगी है। पार्टी ने अब सीवीसी मामले में पीएमओ में तत्कालीन राज्यमंत्री और अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान को भी लपेट लिया है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में थामस पर होने वाली सुनवाई और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज की कोर्ट जाने की तैयारी से परेशान सरकार को राहत नहीं मिल पा रही है। एक तरफ जहां खुद कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने शनिवार को माना कि भ्रष्टाचार चिंता का विषय बन गया है वहीं मुख्य विपक्ष भाजपा के प्रवक्ता राजीव प्रताप रूड़ी ने आरोप लगाया कि सीवीसी की नियुक्ति में जो कुछ हुआ वह अभूतपूर्व है। पीएमओ में तत्कालीन राज्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण समेत राजनीतिज्ञों और अधिकारियों की पूरी लाबी ने मिलकर थामस की नियुक्ति सुनिश्चित कर ली और प्रधानमंत्री भी चाहे अनचाहे अनजान बने रहे। जाहिर तौर पर इसके पीछे सरकार का कोई निहित स्वार्थ था। उन्होंने ने मांगकी कि थामस को तत्काल हटाएं वरना कोर्ट से किरकिरी झेलने के लिए तैयार रहें। काले धन की वापसी के लिए कोई समय सीमा तय नहीं किए जाने पर भी रूड़ी ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि जो कुछ सामने आ रहा है उससे लगने लगा है स्विस बैंक तो नाम देने के लिए तैयार है पर सरकार पर ही आगे बढ़ना नहीं चाहती है। राजनाथ सिंह ने एक बयान में कहा कि सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि पिछला पूरा सत्र विपक्ष की नाराजगी का शिकार हो चुका है। अब भी वक्त है कि सरकार जेपीसी की मांग मान ले, वरना बजट सत्र बाधित होने का जिम्मा सरकार का होगा। संकेत साफ था कि बजट सत्र सुचारु चलाने के लिए फरवरी में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी सरकार को ज्यादा हासिल होने वाला नहीं है। रूड़ी ने राहुल और दिग्विजय सिंह पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राजनीति से भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात कर रहे राहुल को 2जी स्पेक्ट्रम, कामनवेल्थ, आदर्श सोसायटी और काले धन पर भी बोलना चाहिए। दूसरी तरफ दिग्विजय पर ज्यादा बोलने से बचते हुए सवाल किया कि कांग्रेस की तुष्टीकरण नीति के परिणामों पर भी कुछ सोचें। उन्होंने आरोप लगाया कि समाज में सारा दुराव कांग्रेस की नीतियों के कारण हुआ है। 

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