Wednesday, February 2, 2011

भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए दस साल राजनीति को दें : राहुल गांधी


कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने देश की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव के लिए युवाओं से कम से कम दस वर्ष के लिए राजनीति में शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में अधिकांश राजनीतिक दलों में लोकतंत्र का अभाव है जिसके कारण भ्रष्टाचार जैसी बुराइयां पैदा हुई हैं। इसलिए मौजूदा व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है और इसके लिए राजनीति में युवाओं की सहभागिता बेहद जरूरी है। महाराष्ट्र के तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन औरंगाबाद पहुंचे राहुल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लोग भ्रष्टाचार की शिकायत करते हैं, लेकिन इसे खत्म करने के लिए राजनीतिक व्यवस्था को बदलने की कोशिश नहीं करते। राहुल ने कहा कि भ्रष्टाचार इसलिए बढ़ रहा है, क्योंकि राजनीतिक व्यवस्था के दरवाजे बंद हंै और आम आदमी जो अच्छा करना चाहता है,उसे ऐसा करने नहीं दिया जाता। आम आदमी समझता है कि राजनीति भ्रष्ट है। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे को हमें सामूहिक नजरिए से देखना होगा। व्यवस्था में बदलाव के दो ही तरीके हैं एक तो भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो, उन्हें 20 साल के बजाय छह महीने के भीतर सजा मिले और दूसरा तरीका है राजनीतिक व्यवस्था को बदलना। भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए हमें दोनों तरीकों का इस्तेमाल करना होगा। बातचीत का वक्त अब खत्म हो गया है। अब बदलाव की जरूरत है और इसके लिए युवा और कुशल लोग हमारे साथ जुड़ें, क्योंकि बदलाव के लिए हमें उनकी जरूरत है। उन्होंने महाराष्ट्र के अतिरिक्त जिलाधिकारी यशवंत सोनवणे को कथित तेल माफिया द्वारा जीवित जलाए जाने की घटना को स्तब्धकारी बताते हुए कहा कि मैं सोनवणे की हत्या से स्तब्ध हूं। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी एवं कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई धर्म नहीं है जो हिंसा या निर्दोष लोगों की हत्या की शिक्षा देता हो। आतंक फैलाना अपराध है और निर्दोष लोगों की हत्या करने वाले किसी भी व्यक्ति को माफ नहीं किया जा सकता। राहुल ने कहा कि जब मैं विदर्भ में किसान की विधवा कलावती से मिलता हूं, यूपी के किसी गांव में जाकर उनसे बात करता हूं अथवा रेलगाड़ी में सफर करता हूं तो लोग कहते हैं कि मैं ऐसा छवि बनाने के लिए कर रहा हूं, लेकिन मैं जो कर रहा हूं या जानने और सीखने का प्रयास कर रहा हूं, इसका मतलब आप आज नहीं समझेंगे, क्योंकि मेरे इन प्रयासों के परिणाम दस साल बाद आने शुरू होंगे। एक सवाल के जवाब में कांग्रेस महासचिव ने इस बात से साफ इंकार किया कि उन्होंने महंगाई का गठबंधन सरकार की देन बताया। उन्होंने कहा कि मेरे बयान को पूरी तरह से तोड़मरोड़ कर पेश किया गया। मैंने गठबंधन और बढ़ती कीमतों में कोई रिश्ता नहीं जोड़ा। यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी अगले चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए उन्हें उतार रही है, राहुल ने कहा कि यह आपकी सोच है, न कि मेरी। मेरी सोच और मेरा काम राजनीतिक व्यवस्था को ठीक करना है।



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