तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली की सियासत गरमाने लगी है। द्रमुक सुप्रीमो और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री से मुलाकात की। प्रधानमंत्री से जहां उन्होंने श्रीलंका में भारतीय मछुआरों की हत्या के मुद्दे पर चर्चा की, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष के साथ राज्य में सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर विमर्श हुआ। कांग्रेस इस दफा सीटों के बंटवारे पर कड़ी सौदेबाजी कर रही है। यह भी संयोग था कि करुणानिधि सरकार के दो शीर्षस्थ नेताओं से उसी दिन मिले, जिस दिन 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन में गड़बडि़यों पर जस्टिस पाटिल समिति ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी है। हालांकि, सोनिया से मुलाकात के बाद करुणा ने सिर्फ एक वाक्य बोला कि कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन बरकरार रहेगा। अप्रैल-मई में संभावित तमिलनाडु के चुनावों से पहले करुणानिधि के दिल्ली आने की दो प्रमुख वजह थीं। पहला तो वह श्रीलंका में तमिल मछुआरों की नृशंस हत्या का मामला राज्य में तूल पकड़ चुका है। उस मुद्दे पर राज्य सरकार की गंभीरता दर्शाने और केंद्र पर पड़ोसी के समक्ष मामला उठाने के लिए करुणानिधि ने प्रधानमंत्री पर दबाव बनाया। प्रधानमंत्री ने करुणानिधि को बताया कि विदेश मंत्रालय पहले ही श्रीलंका के समक्ष इस मामले को उठा चुका है। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को जरूरत के अनुरूप यूपीए सरकार श्रीलंका के सामने उठाएगी। इसके बाद शाम को करुणानिधि ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास जाकर लंबी वार्ता की। इसमें प्रमुख रूप से तमिलनाडु में सीटों के बंटवारे का मुद्दा था। दरअसल, राज्य के हालात के मद्देनजर कांग्रेस इस दफा द्रमुक के साथ कसी सौदेबाजी कर रही है। पिछली बार कांग्रेस को राज्य में 48 सीटें मिली थीं। इस दफा कांग्रेस कम से कम 60 सीटों पर दावा ठोक रही है। यही नहीं, तमिलनाडु की कांग्रेस इकाई इस दफा चुनाव जीतने पर सरकार में भी शामिल होने के लिए भी दावेदारी पेश करने के पक्ष में है। राज्य इकाई की मांग से केंद्रीय नेतृत्व भी कुछ हद तक इत्तफाक कर रहा है। इस कड़ी सौदेबाजी और राजनीतिक हालात के मद्देनजर करुणा-सोनिया की मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है। खास तौर से पीएमके के भी राज्य में द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने को लेकर पैदा हुए भ्रम पर भी दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले के बाद मंत्री पद से हटाए गए ए. राजा का मुद्दा भी राज्य की दलित राजनीति के मद्देनजर कितना अहम है, करुणा ने कांग्रेस नेतृत्व को इससे भी वाकिफ कराया। हालांकि, करुणानिधि ने बताया कि उनकी कांग्रेस नेताओं से मछुआरों की हत्या और सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर चर्चा हुई।
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