Thursday, February 3, 2011

काले धन पर राहुल का बयान सिर्फ मजाक


काले धन पर कांगे्रस महासचिव राहुल गांधी के बयान को भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने मजाक बताया है। उन्होंने कहा कि विदेश में जमा भारतीयों के काले धन को वापस देश लाने के मुद्दे पर कांगे्रस विरोधाभासी स्थिति में है। राहुल ने औरंगाबाद में शनिवार को कहा था कि विदेशी बैंकों में जमा काला धन आम भारतीयों का है और इसे वापस लाकर जनकल्याण कार्यो में खर्च किया जाना चाहिए। यहां मीडिया से बातचीत में गडकरी ने कहा कांगे्रस एक तरफ उन लोगों के नाम उजागर नहीं कर रही, जिनका काला धन विदेश में है। जबकि राहुल गांधी उनका पर्दाफाश करने और धन को वापस लाने की बात कर रहे हैं। यह वाकई मजाक है। गडकरी ने सरकार से जानना चाहा है कि आखिर वह क्यों अपराधियों का नाम छुपा रही है। क्या उसे रोक रहा है? इस साल मई में तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस पर गडकरी ने कहा कि उनकी पार्टी किसी अन्य दल से समर्थन नहीं मांगेगी, लेकिन यदि कोई उनके साथ आना चाहता है तो इंकार नहीं करेगी। उन्होंने कर्नाटक का उदाहरण दिया कि कभी वहां उनकी पार्टी के सिर्फ दो विधायक थे, आज भाजपा की सरकार है। गडकरी ने सरकार की इस बात को गलत बताया कि उसे मुख्य सतर्कता आयुक्त पी.जे. थॉमस पर पूर्व में लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की खबर नहीं थी। उन्होंने कहा कि इस मामले की चयन समिति में सुषमा स्वराज भी थीं और उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से लिखित में थॉमस के चयन का विरोध किया था। गडकरी ने कहा कि स्वराज अपनी इस की सत्यता स्थापित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश करेंगी। संचार मंत्री कपिल सिब्बल द्वारा शनिवार को शुरू की गई नई दूरसंचार नीति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसमें पारदर्शिता की जरूरत है।


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