काला धन रखने के मामले में कुछ भारतीय लोगों और ट्रस्टों के नाम के खुलासे के लिए सरकार की पूर्व नियोजित साजिश बताते हुए योग गुरु रामदेव ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार इस मामले में देश के लोगों और उच्चतम न्यायालय दोनों को गुमराह कर रही हैं। रामदेव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि अगर मिस्र में हिंसक क्रांति हो सकती है तो भारत में भी हम अहिंसक क्रांति करेंगे और सरकार के खिलाफ जनता को खड़ा करेंगे। उन्होंने काला धन को देश में हर हाल में वापस लाए जाने पर जोर देते हुए कहा कि सभी मंत्रियों का नार्को टेस्ट कराया जाना चाहिए। रामदेव ने कहा कि अगर इस देश में भ्रष्टाचार और काले धन के मुद्दे को लेकर बगावत होगी तो वह भी ऐतिहासिक होगी हालांकि अन्य वैसे लोगों की सूची को लेकर पूछे जाने पर वे बोले कि वह सही समय पर आने पर ही इन लोगों के नामों का खुलासा करेंगे। इनमें अधिकांश राजनेता हैं। उन्होंने यह नहीं बताया कि इसमें सत्ता पक्ष के लोग ज्यादा हैं या विपक्ष के। सरकार अगर काले धन को लेकर कोई कार्रवाई नहीं करती तो वह विकास की पोषक नहीं है बल्कि विनाशक है और ऐसी सरकार को देश पर शासन करने का कोई अधिकार नहीं है। जन सेवक यदि लोकतंत्र को लूटतंत्र बना दे तो जनता ऐसी सरकार को उखाड़ फेकेगी। रामदेव ने भ्रष्टाचार, बलात्कार, काला धन, जमाखोरी और मिलावट को लेकर कहा कि अगर इन अपराधों के लिए हमारे पड़ोसी देश चीन में फांसी की सजा हो सकती है तो भारत में कठोर कानून क्यों नहीं बनाए जा सकते हैं। भ्रष्टाचार को लेकर राज्यों की सरकारों की नीयत पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि काले धन को वापस लाना केंद्र की जिम्मेदारी है और केंद्र की सरकार उन लोगों को संरक्षण दे रही है जिनका पैसा विदेशी बैंकों में जमा है। रामदेव ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार काले धन को कर चोरी का मामला बताकर देश के नागरिकों को गुमराह कर रही है। यह देशवासियों के साथ छलावा और झूठ है। यह पैसा राष्ट्रीय संपदा की लूट से अर्जित किया गया है जो कि अवैध खनन के जरिए आज भी बदस्तूर जारी है। रामदेव ने सरकार से मीडिया के जरिए सात सवाल पूछते हुए कहा कि सरकार काले धन के स्रोत और उनकी मात्रा को क्यों नहीं जाहिर कर रही है। सरकार अंतरराष्ट्रीय कानूनों का हवाला देकर अपने हाथ खड़े कर लेती है लेकिन देश की आंतरिक अर्थव्यवस्था में लगभग 100 लाख करोड़ रुपये काला धन के तौर पर प्रवाहित हो रहा है उसे रोकने के लिए तो किसी संधि की जरूरत नहीं है। हसन अली पर बाकी 50 हजार करोड़ रुपये की कर राशि का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार उसे अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं कर पाई है। इसका यही मतलब है कि सरकार के कुछ बेईमान, गद्दार और भ्रष्ट लोगों का पैसा हसन अली के पास है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ए. राजा की देर से हुई गिरफ्तारी को लेकर रामदेव ने कहा कि उसे देर से इसलिए गिरफ्तार किया गया ताकि उसे अपने सभी सबूतों को मिटाने का मौका मिल सके।
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