Thursday, February 3, 2011

भगवा आतंकवाद पर केंद्र का कड़ा रुख


प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने हिंदूवादी संगठनों पर साधा निशाना

आंतरिक सुरक्षा को लेकर हुए राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन के दौरान केंद्र एक बार फिर से हिंदुत्ववादी संगठनों के खिलाफ बेहद मुखर नजर आया। समझौता एक्सप्रेस और मालेगांव विस्फोटों के सिलसिले में एनआइए के ताजा खुलासे के जरिए न सिर्फ गृह मंत्री पी. चिदंबरम, बल्कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी इन संगठनों पर परोक्ष निशाना साधा। गृहमंत्री के मुताबिक आतंकवाद के नए स्रोत चिंता का सबब हैं। जबकि प्रधानमंत्री ने इनके खुलासे के लिए एनआइए की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। मुख्यमंत्रियों की बैठक में प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में समझौता एक्सप्रेस, मालेगांव और दूसरे विस्फोटों के आरोपियों के खिलाफ तेजी से काम करने के लिए एनआइए को बधाई दी। उन्होंने कहा कि जिस तरह इस नई एजेंसी ने नकली नोटों के कारोबार और नए आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों का खुलासा करने में सफलता हासिल की है, वह उल्लेखनीय है। इसी तरह गृह मंत्री तो इस पहलू पर बेहद चिंतित नजर आए। उन्होंने कहा, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) को रोजाना जो सबूत मिल रहे हैं, वे समाज में आतंक के नए स्रोतों के प्रति चेतावनी हैं, साथ ही ये हमारी सुरक्षा के लिए भी खतरा हैं। जब चिदंबरम से पूछा गया कि क्या इस बार आप अपने पुराने शब्द भगवा आतंकवाद का इस्तेमाल जानबूझकर नहीं कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि आप चाहें तो यह शब्द जोड़ सकते हैं। इसी तरह चिदंबरम ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और ले. कर्नल श्रीकांत पुरोहित के संगठन अभिनव भारत की ओर इशारा करते हुए कहा कि देश के अंदर कुछ नए आतंकवादी संगठन भी पैदा हुए हैं, जिनके हाल के वर्षो की आतंकवादी वारदातों में शामिल होने का संदेह है। हम इन संगठनों के नाम लेने या इनकी करतूतों को उजागर करने से नहीं बच सकते। चाहे वे किसी भी धर्म से संबंधित हों। प्रधानमंत्री ने नक्सलियों से निपटने के लिए सभी राज्यों को अपने प्रयास तेज करने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि इस खतरनाक समस्या से निपटने के लिए राज्य और केंद्रीय सुरक्षा बलों को अपना साझा अभियान तेज करना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकवाद और सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ लड़ाई में कोई कोताही नहीं की जा सकती। जम्मू-कश्मीर में पिछले साल गर्मियों के दौरान हुई हिंसा के बाद अब अपेक्षाकृत शांति होने पर उन्होंने संतोष जताया है। पुलिस सुधार पर चिदंबरम को पीएम की सलाह नई दिल्ली : दिल्ली में लगातार बढ़ती अपराध की घटनाओं ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भी कान खड़े कर दिए हैं। सोमवार को मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में पुलिस सुधार पर चर्चा करते हुए लगे हाथ गृह मंत्री पी. चिदंबरम को कह भी दिया कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे कम से कम दिल्ली पुलिस को एक आदर्श पुलिस बल के रूप में विकसित कर दूसरे राज्यों के सामने उदाहरण पेश करें। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस अब भी यहां की राज्य सरकार के नहीं, बल्कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के ही अधीन है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पुलिस सुधार पर कई आयोग बने और इनकी कई सिफारिशें भी आई। मैं चाहूंगा राज्य इन्हें गंभीरता से लें। साथ ही मैं चाहूंगा कि गृह मंत्रालय आने वाले वर्षो में दिल्ली में यह काम कर के दिखाए। ताकि दिल्ली पुलिस दूसरे राज्यों के लिए ऐसा उदाहरण बन सके, जिससे वे सीख ले सकें। पिछले कुछ समय से राजधानी में महिलाओं के खिलाफ अपराध की बढ़ती वारदात के बाद यहां के लोगों की चिंता बढ़ गई है।


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