Friday, February 18, 2011

गठबंधन की मजबूरी है


संपादकों के सवाल पीएम के जवाब
आपने ए राजा को दूरसंचार मंत्री क्यों बनाया जबकि उनकी भूमिका पर सवाल उठे थे ?
अरुण पुरी (इंडिया टुडे ग्रुप) प्रधानमंत्री ने कहा कि हालांकि कई शिकायतें आई थीं, लेकिन मुझे इसका अंदाज़ा नहीं था कि इतने गंभीर आरोप लगे हैं। उन्होंने कहा कि उस समय तक मुझे नहीं पता था कि इतनी गंभीर चीज़ें हुई हैं, इसलिए मुझे राजा को कैबिनेट को रखने पर आपत्ति नहीं थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि कैबिनेट में कैसे राजा को शामिल किया गया, उसके बारे में वे नहीं बताएंगे, लेकिन उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ये गठबंधन सरकार है और राजा और मारन द्रमुक की पसंद थे। पहले आओ और पहले पाओ की नीति के तहत किसको-किसको क्या मिला, इन सब बातों पर हमारे साथ या कैबिनेट में र्चचा नहीं हुई, ये दूरसंचार मंत्रालय का काम था, इसलिए मैंने इस बात पर ज़ोर नहीं दिया था। जब सभी संबंधित विभाग और मंत्रालय इसके पक्ष में नहीं,तो मैं क्यों इस पर ज़ोर दूं। बाद में वित्त मंत्री और दूरसंचार विभाग ने भी इस पर सहमति जताई थी कि 2-जी में ऑक्शन की आवश्यकता नहीं। उन्होंने कहा था कि 2-जी मामले में ट्राई, दूरसंचार आयोग और उनकी राय में ऑक्शन वाजिब नहीं है। ऑक्शन के समय राजा ने मुझे बताया था कि ट्राई ने इसका विरोध किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने 2007 में पत्र लिखकर अपनी चिंता जताई थी। राजा ने मेरे पत्र का जवाब दिया था और कहा था कि उन्होंने इस मामले में पूरी तरह पारदर्शिता निभाई है और आगे भी निभा रहे हैं।
न्यायपालिका में भ्रष्टाचार और केरल चुनाव पर आपका क्या कहना है ?
आर प्रशांत (एशियानेट ) प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव में अच्छा करेगी और भ्रष्टाचार कहीं भी हो, उसकी जांच होनी चाहिए और उससे निपटना चाहिए।
सरकार कड़े सुधारवादी क़दम क्यों नहीं उठा रही है?
प्रांजल (ब्लूमबर्ग) प्रधानमंत्री ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि गुजरात के एक मंत्री के ख़्िालाफ़ कार्रवाई हुई है, उसकी वजह से ये हंगामा हो रहा है, लेकिन मैं इस मामले पर कुछ और नहीं कहना चाहता। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी ख़्ासकर भारतीय जनता पार्टी ने बहुत ही गलत रु ख़्ा अपना रखा है, लेकिन मैं इस पर यादा नहीं कहना चाहता। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब संसद नहीं चलने दी जाती, तो काम कैसे हो।
क्या आपने इस्तीफ़ा देने का विचार किया था और जेपीसी और पीएएसी पर आपकी राय क्या है?
राजदीप सरदेसाई (सीएनएन-आईबीएन के) प्रधानमंत्री ने कहा कि गठबंधन सरकार में गठबंधन धर्म होता है और कई बार ऐसा होता है कि आप जिस तरह चाहते हैं, गठबंधन सरकार में वैसा नहीं होता, लेकिन मैं पद छोड़ने का कभी नहीं सोचता और मैं अपना कार्यकाल पूरा करूं गा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं किसी भी समिति के सामने पेश होने के लिए तैयार हूं। एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार आवश्यक है और इसकी ज़रूरत है। प्रधानमंत्री ने माना कि उन्हें अनियमितताओं पर सबसे यादा खेद है और अंतरराष्ट्रीय मंदी में अर्थव्यवस्था को बचाए रखना वे सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं। राष्ट्रमंडल घोटाले की जांच की प्रगति के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि समय लगता है, लेकिन मैं भरोसा दिलाना चाहता हूं कि गलती करनेवाले छोड़े नहीं जाएंगे। मनमोहन सिंह ने 2-जी स्पेक्ट्रम मामले में राजस्व नुकसान के बारे में कहा कि शुरु आती बिंदू समझने की आवश्यकता है और नुक़सान का आकलन करना मुश्किल काम है।
मिस्र के बारे में आपका क्या कहना है?
प्रेरणा सूरी (अल जज़ीरा) प्रधानमंत्री ने कहा कि वहां जो भी हुआ, वह चिंता का विषय है। वहां भारतीयों की भी चिंता है। मिस्र की तरह भारत में कुछ होने के बारे में उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि यहां लोगों के पास सरकार बदलने का अधिकार है। यहां फ्री मीडिया है, इसलिए मिस्र में जो कुछ हुआ, वैसा भारत में नहीं हो सकता।
तेलंगाना मामले पर केंद्र और पार्टी की नीति क्या है?
(ईटीवी) प्रधानमंत्री ने कहा कि यह जटिल मामला है। गृहमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों से पहले दौर की बात की है, लेकिन अभी विचार-विमर्श की प्रक्रिया चलेगी।
क्या भ्रष्टाचार के मामले पर यूपीए टूट सकता है और क्या वाममोर्चे से फिर गठबंधन होगा?
सुभाशीष मोइत्रा (कोलकाता टीवी) प्रधानमंत्री ने कहा कि फि़लहाल वाममोर्चे के साथ गठबंधन नहीं है और जो भी गठबंधन में शामिल हैं, सरकार के साथ मज़बूती से जुड़े हुए हैं।
आधारभूत क्षेत्र में दीर्घकालिक फंड के बारे में क्या योजना है?
संजय पुगलिया (सीएनबीसी-आवाज़) प्रधानमंत्री ने कहा कि सबसे पहले हमें कॉरपोरेट माहौल अच्छा बनाना होगा। विदेशी निवेश के लिए कोशिश होनी चाहिए, इस पर विचार चल रहा है। वित्तमंत्री भी इस पर काम कर रहे हैं। कृषि क्षेत्र में सुधार के बारे में उन्होंने कहा कि इस पर राज्य सरकारों के साथ विचार चल रहा है। कहीं सफलता मिल रही है और कहीं नहीं मिल रही है।
आपकी हो रही आलोचना के बीच क्या आप अगली बार प्रधानमंत्री बनना चाहेंगे?
प्रणय रॉय (एनडीटीवी) प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पर कुछ कहना जल्दबाज़ी होगी, क्योंकि अभी अगले चुनाव काफ़ी दूर हैं । एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बजट सत्र के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा।
जेपीसी की मांग पर संसद की कार्यवाही नहीं चली थी, क्या बजट सत्र चलेगा?
अनुराधा प्रसाद (न्यूज़ 24) मनमोहन सिंह ने कहा कि पूरी कोशिश की जा रही है और उम्मीद है कि कार्यवाही चलेगी।
महंगाई का गरीबों पर पड़नेवाले असर के बारे में आपका क्या कहना है?
(सीएनएन) प्रधानमंत्री ने कहा कि महंगाई है, लेकिन हमने कई योजनाएं बनाई हैं और ग़रीबों का ख्याल रखा जा रहा है। जन वितरण पण्राली के बारे में उन्होंने कहा कि वर्ष 2002 से क़ीमतों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे ग़रीबी की मुश्किल समझते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार की कई योजनाओं को गिनाया और कहा कि ग़रीबों के लिए कई योजनाएं हैं।
उल्फा समस्या के समाधान के लिए क्या कोई समयसीमा है?
(एक पत्रकार) उल्फा के साथ समयसीमा के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी प्रक्रिया शुरू हो रही है। ये कहना बेहतर होता कि हम तुरंत इसे कर लेंगे, लेकिन अभी प्रक्रिया शुरू हुई है, इसमें समय लगेगा और सरकार इसे काफ़ी गंभीरता से ले रही है। असम चुनाव के बारे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है। शांति की कोशिशें हो रही हैं।
भ्रष्टाचार के मामले में क्या आपको कभी लगा कि ये आपकी नैतिक जिम्मेदारी है?
शाजी ज़मां (स्टार न्यूज़) प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं अपनी ज़िम्मेदार समझता हूं, लेकिन गठबंधन सरकार की कुछ मजबूरी होती है। गठबंधन सरकार में कुछ समझौते करने पड़ते हैं। प्रधानमंत्री ने माना कि राजनीति में कुछ चीज़ें है जो उनके हिसाब से नहीं है, लेकिन उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला है।
देवास समझौते में प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों पर आरोप है, उस पर क्या कहना है?
अर्णव गोस्वामी (टाइम्स नाउ) प्रधानमंत्री ने देवास मामले पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने आरोपों को ख़्ारिज किया और कहा कि स्पेस कमीशन का फ़ैसला 2 जुलाई को लिया गया है। प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार हरीश खरे ने अर्णव गोस्वामी को रोका और कहा कि आप एक मुद्दे से दूसरे मुद्दे पर न जाएं। हरीश खरे ने कहा कि यह प्रधानमंत्री से पूछताछ नहीं है। उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान प्रदर्शित करें। प्रधानमंत्री देवास मुद्दे पर और स्पष्टीकरण दे रहे हैं और लिखित बयान पढ़ रहे हैं। श्रीलंका सेना की ओर से भारतीय मछुआरों को परेशान किए जाने वाले सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार ने मज़बूती से श्रीलंका सरकार को बता दिया है कि ऐसा नहीं होना चाहिए।
ब्रिटेन सरकार की ओर से फंड की क्या आवश्यकता है?
संजॉय मजूमदार (बीबीसी) प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब भी ग़रीब देश है और अगर कोई मित्र देश भारत में निवेश करता है तो हम उसका स्वागत करते हैं। भ्रष्टाचार के कारण देश की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिगड़ने के बारे में उन्होंने कहा कि ऐसा होता है। उन्होंने मीडिया को सलाह दी कि वे बिना किसी तथ्य के निष्कर्ष पर पहुँचे।
आपने प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों बुलाई? आप कहते हैं कि आप भ्रष्टाचार पर गंभीर हैं, लेकिन मीडिया में रिपोर्ट आए बिना सरकार सामने क्यों नहीं आती?
सतीश के सिंह (जी न्यूज़) प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं यह नहीं कहता कि मुझसे गलती नहीं हुई, लेकिन मैं उतना दोषी नहीं हूं जितना दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रुप ऑफ़ मिनिस्टर्स इस मामले को देख रहे हैं। काले धन के बारे में हम क़दम उठा रहे हैं और पैसा वापस लाने की हरसंभव कोशिश करेंगे।


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