संसद में सरकार की मुसीबतें बढ़ाने और अपनी मांगें मनवाने के लिए विपक्ष ने हमले तेज कर दिए हैं। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने एस बैंड स्पेक्ट्रम में प्रधानमंत्री से जवाब मांगने के साथ संयुक्त राष्ट्र में विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के पुर्तगाली विदेश मंत्री का भाषण पढ़ने को देश की प्रतिष्ठा पर गहरा आघात बताया है। पार्टी ने दो टूक कहा है कि उनका यह गुनाह माफ करने लायक नहीं है। इन मामलों से सरकार पर 2जी स्पेक्ट्रम, राष्ट्रमंडल खेल व आदर्श सोसायटी मामले में जेपीसी की विपक्षी मांग मानने की मजबूरी बढ़ गई है। भ्रष्टाचार के आरोपों में लगातार घिरती जा रही सरकार को अब विपक्ष के साथ सुलह समझौते के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। एस बैंड स्पेक्ट्रम पर प्रधानमंत्री की साख बचाने के लिए सरकार पहले ही 2 जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच संसद की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने पर सकारात्मक संकेत दे चुकी है। सूत्रों के अनुसार अगर सरकार 2 जी स्पेक्ट्रम व बाकी दोनों मामलों में जेपीसी के लिए तैयार हो जाएगी, तो एस बैंड मामले के लिए विपक्ष जेपीसी के लिए जोर नहीं देगा। संसद सत्र शुरू होने के पहले प्रधानमंत्री के साथ होने वाली बैठक में इस मामले में सरकार व विपक्ष में सहमति बन सकती है। संसद का बजट सत्र चलाना सरकार की मजबूरी है और विपक्ष भी अब ज्यादा समय संसद रोकने के मूड में नहीं है। इसलिए दोनों पक्ष रास्ता निकालने के लिए प्रयासरत हैं। दरअसल अभी तक सरकार का अडि़यल रुख इस मामले में गतिरोध की बड़ी वजह था, लेकिन पिछली सर्वदलीय बैठक में दोनों तरफ के रुख में नरमी आई है। इधर, सरकार पर लगातार दबाव बनाए रखते हुए भाजपा ने विदेश मंत्री कृष्णा पर तीखा हमला किया है। पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि कृष्णा का गुनाह माफ करने लायक नहीं है। शर्म-अल-शेख में देश की प्रतिष्ठा कम कराने में भी सबसे बड़ी गलती उनकी ही थी और अब उन्होंने दूसरे देश के मंत्री का भाषण पढ़कर अपने नाकाबिल होने का सबसे बड़ा सबूत दिया है।
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