Saturday, March 26, 2011

जाट आंदोलन : राज्यों को साथ लेकर ही आगे बढ़ेगा केंद्र


 जाट आंदोलन की मार झेल रही जनता की परेशानी और अदालत की सख्ती को देखते हुए अब केंद्र सरकार ने राज्यों के साथ बेहतर तालमेल की पहल की है। इस सिलसिले में शनिवार को उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय करने का फैसला हुआ है। गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक इन तीनों राज्यों के आला अधिकारियों के साथ बैठक में यह रणनीति बनाई जाएगी कि किस तरह इस आंदोलन का जनजीवन पर पड़ने वाले असर को कम किया जा सके। खास कर दिल्ली को घेरने की जाट नेताओं की धमकी को देखते हुए दिल्ली से लगी सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मुकम्मल व्यवस्था की जाएगी। इस बैठक की अध्यक्षता गृह सचिव जीके पिल्लई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ही अपने आदेश में कहा है कि दिल्ली में पानी, दूध और दूसरी जरूरी सामानों की सप्लाई को ठप नहीं करने दिया जाए। यह जिम्मेदारी राज्य सरकारों को दी गई है। लेकिन इनके बीच तालमेल के लिए केंद्र को स्वाभाविक तौर पर पहल करनी होगी। इससे पहले बुधवार को गृह मंत्री पी चिदंबरम के साथ हुई बैठक के दौरान दिल्ली और हरियाणा के मुख्यमंत्री साफ तौर पर कह चुके हैं कि इस मामले में केंद्र सरकार को ही मोर्चा संभालना होगा। हालांकि तब चिदंबरम ने साफ कर दिया था कि यह मामला सिर्फ उनके बस का नहीं है और न ही इतनी जल्दी किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है। इस मामले पर केंद्र सरकार जाट नेताओं से बातचीत शुरू कर चुकी है। 15 मार्च को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीपीए) ने यह बातचीत शुरू करने का फैसला किया था। यह काम गृह मंत्री पी चिदंबरम और सामाजिक न्याय मंत्री मुकुल वासनिक को सौंपा गया है। जाट नेताओं दो दौर की बातचीत भी हो चुकी है। जाट नेता चाहते हैं कि सरकार इस पर फैसले के लिए कोई समय सीमा बताए। यहां भारी पुलिस बल व आरएएफ की टुकडि़यां भट्टू कलां में पहुंची हुई हैं। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि समुदाय दिल्ली की सीमा सील करने के अपने इरादे पर कायम है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार विभागों के जरिए आंदोलन को अदालत में ले जा रही है। जेपीनगर जिले के काफूरपुर में चल रहे जाटों के धरने को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा कि जाटों को हताश होने की जरूरत नहीं है। वह दिन दूर नहीं जब उन्हें केंद्र में आरक्षण का लाभ मिलेगा। मलिक ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में जाटों के आंदोलन से खलबली मची हुई है|

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