Thursday, May 19, 2011

जयललिता को बधाई दे द्रमुक पर बढ़ाया दबाव


केरल, असम व पश्चिम बंगाल में चुनावी जीत से उत्साहित कांग्रेस ने तमिलनाडु में हार से दबे केंद्र के अपने सहयोगी द्रमुक पर और दबाव बढ़ा दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अन्नाद्रमुक प्रमुख जयललिता को फोन पर बधाई देकर राजनीतिक अटकलों को गर्म कर दिया है। वैसे जयललिता के सोमवार को होने वाले मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया है और मोदी समारोह में उपस्थित भी रहेंगे। उधर पश्चिम बंगाल में जीत का स्वाद चखाने वाली ममता सोमवार को खुद सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित करेंगी। माना जा रहा है कि सोनिया शपथ ग्रहण में जा सकती हैं। सोनिया ने अपने भावी मुख्यमंत्रियों से बात की तो जयललिता को भी बधाई देकर राजनीतिक संकेत दे दिया। यह और बात है कि कांग्रेस नेता इसे सिर्फ औपचारिकता मानते हैं। तर्क में कांग्रेस नेता जयंती नटराजन ने कहा कि सोनिया ने सभी भावी मुख्यमंत्रियों को बधाई दी। बिहार में दूसरी बार सरकार में आने वाले नीतीश कुमार को भी फोन पर बधाई दी थी। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र की सही परंपरा है। अन्नाद्रमुक से गठबंधन के बाबत पूछे गए सवाल पर उन्होंने इसे आलाकमान के माथे छोड़ दिया। मालूम हो कि चुनाव से पहले सीटों को लेकर कांग्रेस और द्रमुक में शुरू हुई खींचतान के वक्त कांग्रेस और अन्नाद्रमुक की दोस्ती की संभावना बढ़ने लगी थी। जयललिता ने स्पष्ट कर दिया था कि कांग्रेस द्रमुक से रिश्ता तोड़े तो वह साथ आने को तैयार हैं, लेकिन संसद में द्रमुक की संख्या ने उसे बचा लिया था। हालात अब भी नहीं बदले हैं। हां, कांग्रेस को दबाव बढ़ाने का मौका जरूर मिल गया। ए. राजा की गिरफ्तारी के बाद भी द्रमुक संचार मंत्रालय पर अपनी दावेदारी नहीं छोड़ रहा था। राज्य में हार के बाद सोनिया के राजनीतिक पैंतरे ने उसके कदम और बांध दिए हैं। वैसे सूत्रों का मानना है कि भविष्य में यह बातचीत गुल भी खिला सकती है। खासकर तब जबकि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले का खामियाजा कांग्रेस को भी भुगतना पड़ा है। वहीं रविवार देर रात दिल्ली पहुंचीं ममता सोमवार को सोनिया और प्रधानमंत्री से मिलेंगी। वह उन्हें शपथ ग्रहण समारोह व सरकार में कांग्रेस के शामिल होने के लिए आमंत्रित करेंगी। पश्चिम बंगाल सरकार में शामिल होने या न होने का फैसला अब सोनिया को ही करना है। प्रणब मुखर्जी ने कोलकाता में पार्टी विधायकों से चर्चा के बाद स्पष्ट कर दिया है कि सोनिया से विचार-विमर्श के बाद ही कोई निर्णय होगा।

No comments:

Post a Comment