अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू और उनके हेलीकॉप्टर का रविवार दूसरे दिन भी कोई पता नहीं चला। खराब मौसम के कारण खोज अभियान में लगी वायुसेना और थल सेना की टीमों को कामयाबी हाथ नहीं लग सकी है। वायुसेना के दो सुखोई-30 एमकेआइ विमान संभावित दुर्घटना क्षेत्र का जायजा लेकर वापस बरेली लौट चुके हैं। संभावित घटनास्थल के आसपास बेहद धुंध होने के कारण इसरो के सेटेलाइट से ली गईं तस्वीरों से भी कुछ स्पष्ट नहीं हो रहा है। केंद्र सरकार ने मंत्री मुकुल वासनिक व वी नारायणसामी को खोजबीन अभियान की निगरानी के लिए ईंटानगर रवाना कर दिया है। पड़ोसी मुल्क भूटान से भी मदद मांगी गई है। विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने भूटान के प्रधानमंत्री जिग्मे थिनले से बात कर भूटानी क्षेत्र में अरुणाचल मुख्यमंत्री के लापता हेलीकॉप्टर की खोज में सहयोग करने को कहा है। 36 घंटों के दौरान जारी कोशिशों के बारे में सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने कहा,अभी तक मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर का सुराग नहीं मिल सका है। सेना प्रमुख ने माना कि हेलीकॉप्टर की सुरक्षित लैंडिंग की खबरों के बाद खोज अभियान रोक दिया गया था, जिसे रविवार सुबह फिर शुरू किया गया। खांडू के हेलीकॉप्टर के भूटान में सुरक्षित उतरने को लेकर फैले भ्रम की वजह एक सैटेलाइट फोन से आयी कॉल थी। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी कि यह कॉल मुख्यमंत्री के सेटेलाइट फोन से किया गया। मुख्यमंत्री के लापता हेलीकॉप्टर की खोज में वायुसेना के चार और सेना के दो हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं। वहीं सेना के खोजी व बचाव दल के लगभग तीस कॉलम भी उतारे गए हैं। हालांकि खराब मौैसम व बादलों के कारण इस बात की आशंका जताई जा रही है कि सुखाई-30 के कैमरों में कैद हुई तस्वीरें भी जमीन की पूरी हकीकत शायद न दे पाएं। रविवार सुबह दस बजे तवांग से खांडू को ईटानगर के लिए लेकर उड़े पवनहंस कंपनी के हेलीकॉप्टर का करीब 20 मिनट बाद ही रेडियो संपर्क टूट गया था।
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