Friday, April 29, 2011

जोशी के खिलाफ बगावत, रिपोर्ट रद


2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच कर रही संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) की निर्णायक बैठक अभूतपूर्व हंगामे की भेंट चढ़ गई। सत्तारूढ़ खेमा के सदस्यों ने अध्यक्ष डॉ मुरली मनोहर जोशी के बैठक स्थगित करने के बाद उनकी गैरमौजूदगी में बैठक का संचालन कर बहुमत के आधार पर रिपोर्ट को खारिज कर दिया। बाइस सदस्यीय (एक स्थान रिक्त) समिति में सपा-बसपा को साथ लेने के बाद सत्तारूढ़ खेमा ने सैफुद्दीन सोज की अध्यक्षता में 11 सदस्यों के बहुमत से डा. जोशी की रिपोर्ट को खारिज कर दिया। विपक्ष ने जहां इसे अवैध करार दिया है, वहीं सरकार ने इस बगावत को संवैधानिक ठहराया है। पीएसी द्वारा बुधवार को मसौदा रिपोर्ट सदस्यों को भेजने के बाद से ही गुरुवार की बैठक के लिए लामबंदी शुरू हो गई थी और सत्तारूढ़ खेमा ने सपा व बसपा को साध कर बैठक में इस रिपोर्ट को खारिज कराने की तैयारी रात में ही कर ली थी। इसीलिए बैठक शुरू होते ही इन सदस्यों ने रिपोर्ट के आउटसोर्स (बाहर से लिखवाने) होने और इसके मीडिया में लीक होने को लेकर डॉ जोशी पर गंभीर आरोप लगाते हुए रिपोर्ट को खारिज करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने इस आशय के अलग-अलग पत्र भी समिति के सामने रखे। इन सदस्यों ने डॉ जोशी पर दुर्भावना से प्रेरित होने व सरकार को अस्थिर करने के प्रयास के भी आरोप लगाए। यशवंत सिन्हा, कलराज मिश्रा, एनके सिंह आदि ने इन आरोपों का कड़ा प्रतिवाद किया|

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