Friday, April 15, 2011

रामदेव को पार्टी बनाने से रोकने में जुटी भाजपा


 कभी भाजपा के प्रमुख रणनीतिकारों में शुमार रहे केएन गोविंदाचार्य का नया अभियान भाजपा व संघ की नींद उड़ा सकता है। वे नई राजनीतिक ताकत खड़ी करने जा रहे हैं, जिसमें भाजपा समेत सभी दलों के लोग तो होंगे ही, बाबा रामदेव भी खास तौर पर जुड़ेंगे। इसकी घोषणा जून में होने की संभावना है। इसके पहले देशभर में जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। इस स्थिति में संभावित नुकसान से बचने के लिए भाजपा की कोशिश है कि बाबा रामदेव नई पार्टी न बनाएं। राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन व भारत विकास संगम की सफलता से उत्साहित गोविंदाचार्य नए राजनीतिक अभियान पर तेजी से काम कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए राष्ट्रवादी मोर्चा के बैनर तले विभिन्न दलों के लोगों को जोड़ने की शुरुआत कर दी है। गुरुवार को इस मोर्चा की बैठक में भाजपा के पूर्व सांसद बनवारी लाल पुरोहित, लोक सत्ता पार्टी के जयप्रकाश नारायण व छोटे क्षेत्रीय दलों के नेता जुटे। इसके दरवाजे सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए खुले हैं। उनका उद्देश्य विकेंद्रीकृत राजनीतिक व्यवस्था व देसी सोच वाले विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को साथ लेकर आने का है। राष्ट्रवादी मोर्चा की बैठक में देश की मौजूदा शासन व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन के साथ नए राजनीतिक विकल्प पर भी चर्चा की गई। इसमें सभी वक्ताओं ने गोविंदाचार्य को चाणक्य की भूमिका में आकर मौजूदा भ्रष्ट व्यवस्था को उखाड़ फेंकने की कमान सौंपी है। गोविंदाचार्य व बाबा रामदेव अपने इस अभियान को गति देने के लिए देशभर में ग्राम समितियां बनाने के साथ योग कक्षाएं भी लगाएंगे। लगभग ढाई लाख योग कक्षाओं के साथ देशभर के 600 जिलों में यह कार्यक्रम चलेंगे। इसके बाद जून में फैसला किया जाएगा कि चुनावी राजनीति में किस तरह से उतरा जाए इसके लिए तीन तरह के विकल्प है। पहला यह कि मौजूदा राजनीतिक दलों में ही ऐसे लोगों को तैयार किया जाए जो चुनाव लड़कर चुनकर संसद में आए। दूसरा, इस विचारधारा के समर्थक निर्दलीय तौर पर चुनाव मैदान में उतरें और तीसरा यह कि नया राजनीतिक दल बनाकर चुनाव मैदान में उतरा जाए|

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