Sunday, April 3, 2011

2जी स्पेक्ट्रम घोटाला : सीबीआइ की राजनीति, मतदान तक करुणानिधि परिवार को राहत


सुप्रीम कोर्ट की कड़ी निगरानी भी देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी को राजनीति करने से नहीं रोक पाई। आगामी तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सीबीआइ ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के पहले आरोपपत्र में करुणानिधि परिवार की कंपनी कलैगनर टीवी को डीबी रियलिटी से मिले 214 करोड़ रुपये को शामिल नहीं किया है। इस मामले में सीबीआइ अब 13 अप्रैल को मतदान खत्म हो जाने के बाद पूरक आरोपपत्र दाखिल करेगी। सीबीआइ के पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं कि कलैगनर टीवी को सिनेयुग के मार्फत मिले 214 करोड़ रुपये 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस पाने के लिए शाहिद बलवा से रिश्वत के रूप में मिले थे। कलैगनर टीवी में 80 फीसदी मालिकाना हक करुणानिधि की बेटी कोनीमोझी और पत्नी दयालु का है। कलैगनर टीवी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल होने की स्थिति में सीधे तौर पर करुणानिधि परिवार के खिलाफ आरोपों का शिकंजा कस जाता और डीएमके को चुनाव में असहज स्थिति का सामना करना पड़ता। वैसे तो सीबीआइ अधिकारिक रूप से इस मामले में अभी तक जांच जारी रहने का दावा कर रही है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों की माने तो मौजूदा सबूतों के आधार पर ही कलैगनर टीवी को मिले 214 करोड़ रुपये के मामले में कोनीमोझी, दयालु और शरद कुमार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया जा सकता था और नए सबूत मिलने की स्थिति में बाद में पूरक चार्जशीट दाखिल की जाती। माना जा रहा है कि कलैगनर टीवी, कोनीमोझी, दयालु और शरद कुमार को पहले आरोपपत्र में नहीं शामिल करने का फैसला राजनीतिक दबाव में लिया गया है और इसका एजेंसी की जांच से कोई लेना-देना नहीं है।


No comments:

Post a Comment