Monday, February 27, 2012

झूठे वादों पर कार्रवाई हो चुनाव घोषणापत्रों पर एनजीओ ने आयोग को लिखा पत्र


चुनाव सुधार की दिशा में काम करने वाले एक गैर-सरकारी संगठन ने चुनाव आयोग से अपील की है कि उसे घोषणापत्र में झूठे और अविसनीय वादे करने वाले राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि ऐसे वादे करना भी जनता को पल्रोभन देकर वोट हासिल करने की श्रेणी में आता है। गैर-सरकारी संगठन समाधानने आयोग को लिखे एक पत्र में कहा है कि जब दो केंद्रीय मंत्रियों को इस वजह से नोटिस थमाये जा सकते हैं कि वे सरकार में रहते हुए जनता को लुभाने वाली कोई घोषणा नहीं कर सकते तो फिर झूठे वादे वाले घोषणापत्र जारी करने वाले राजनीतिक दलों के खिलाफ भी अनुच्छेद 324 के अंतर्गत कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग इस बात पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रहा है कि क्या घोषणापत्र में अव्यावहारिक वादों को मतदाताओं को पल्रोभन की श्रेणी में रखा जा सकता है। आयोग इस संबंध में विधिवेत्ताओं की भी राय ले रहा है। संगठन ने मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एसवाई कुरैशी को लिखे पत्र में कहा है कि एक राजनीतिक दल ने अपने चुनावी घोषणापत्र में मुफ्त अथवा सस्ते लैपटॉप बांटने की बात कही है। यदि उनके वादे पर गौर किया जाये तो पता चलता है कि उक्त पार्टी को इतने लैपटाप बांटने होंगे जितने सभी कंपनियां मिल कर भी नहीं बनाती हैं। इससे साफ है कि यह वादा कितना अव्यावहारिक और मतदाता लुभावन है। पत्र में किसी पार्टी का नाम लिये बिना विभिन्न दलों के घोषणापत्रों में शामिल अव्यावहारिक वादों की पूरी सूची देकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गयी है। एक से बढ़कर एक वादे : सपा के घोषणापत्र में किसानों और विद्यार्थियों पर खास तौर से फोकस किया गया है। स्नातक छात्राओं को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। दसवीं पास छात्रों को मुफ्त टैबलेट दिये जाएंगे। इंटर पास छात्रों को लैपटॉप दिया जाएगा। इसके साथ ही बेरोजगारों को प्रति माह एक हजार बेरोजगारी भत्ता। रिक्शाचालकों के लिए बैटरी, सोलर रिक्शे। सरकारी सेवाओं में भर्ती आयु 35 वर्ष करना। पिछड़े मुस्लिम इलाकों में विद्यालयों की स्थापना प्रमुख। कांग्रेस ने प्रदेश के दस शहरों से एक साथ जारी किए घोषणापत्र में अति दलितों और अति पिछड़ों को सब कोटा
के तहत आरक्षण देने का वादा किया गया है। पार्टी घोषणापत्र में इस बात का खास तौर से उल्लेख है कि हर गांव में स्कूल, 500 मॉडल स्कूल, 2500 परिवारों के गांव में एक इंटर कॉलेज और शिक्षा के क्षेत्र में एक लाख लोगों को रोजगार दिया जाएगा। इसके अलावा दलित वर्ग के महापुरुषों के नाम पर धार्मिक-सांस्कृतिक केंद्रों की स्थापना, बाबरी मस्जिद मामला का न्यायसंगत समाधान, मुख्यमंत्री को लोकायुक्त के
दायरे में लाने का वादा है। भाजपा ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि पार्टी अगर सत्ता में आई तो पिछड़े वर्ग के 27 फीसद के आरक्षण के तहत मुस्लिमों को दिए गए 4.5 फीसद के आरक्षण को खत्म करेगी। घोषणापत्र में अयोध्या में राम मंदिर का भी उल्लेख है। पार्टी ने राम मंदिर के निर्माण में आने वाली सभी बाधाओं को दूर कर भव्य मंदिर का निर्माण करेंगे। गन्ना उत्पादन के लिए नए प्रकार के बीज तीन साल के अंदर उपयोग में लाए जाएंगे। गरीबों के लिए चिकित्सा कार्ड के वादे के साथ यह भी वादा किया गया है कि गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को एक गाय दी जाएगी। भाजपा की इस घोषणा पर सपा ने ऐतराज जताया है जिसमें वादा किया गया है कि पांच हजार की कीमत पर छात्रों को लैपटॉप, एक हजार पर टैबलेट, छात्राओं को मुफ्त साइकिल दी जाएगी। गरीब छात्रों को लैपटॉप मुफ्त दिया जाएगा। सपा का कहना है कि ये उसके घोषणापत्र का हिस्सा। हालांकि इन दलों के चुनावी घोषणापत्रों में जो दावे किए गए हैं उनको चुनाव आयोग आचार संहिता की कसौटी पर कसेगा। उत्तर प्रदेश सहित दूसरे चुनावी राज्यों में जारी घोषणापत्र की प्रति आयोग ने अपने पास मंगवा ली है और उसका अध्ययन किया जा रहा है। अगर कुछ आपत्तिजनक पाया गया तो संबंधित पार्टी को पत्र भेजकर आयोग कैफियत तलब करेगा।

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