Tuesday, July 26, 2011

यूपी में भाजपा के शासन में मुस्लिमों पर कम हुए जुल्म


, नई दिल्ली यूपी के विस चुनाव के मद्देनजर मुस्लिम वोटों पर कब्जे को लेकर खुली जंग छिड़ गई है। राहुल गांधी की ओर से मुसलमानों को रिझाने की कोशिशों को सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने दिखावा करार दिया है। साथ ही आरोप लगाया कि कांग्रेस कभी भी मुस्लिमों की हितैषी नहीं रही है, बल्कि कुछ मामलों में तो उन पर (मुसलमानों) भाजपा के मुकाबले कांग्रेस शासन में ज्यादा अत्याचार हुआ है। मुलायम ने रविवार को यूपी का चुनाव अकेले लड़ने का एलान करते हुए मुस्लिम वोटों पर पकड़ बनाने की कोशिश की। उन्होंने सूबे के 20 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोटरों को आगाह करते हुए कहा, 62 वर्षो में कांग्रेस ने उनके लिए कुछ नहीं किया। सच्चर कमेटी समेत दूसरी समितियों की रिपोर्ट वर्षो से धूल खा रही है, लेकिन सरकार चुप है। मुस्लिम क्षेत्रों में न तो स्कूल खुले और न ही चुने हुए 90 जिलों में फंड खर्च हुआ है। उन्होंने कहा, सीएम रहते मैने पीएसी में मुस्लिमों को आरक्षण दिया। कांग्रेस ने उन्हें कभी कुछ नहीं दिया। भाजपा शासन में भी मुसलमानों पर उतना अत्याचार नहीं हुआ जितना कांग्रेस शासन में होता रहा है। भाजपा से भी बराबर की दूरी बनाते हुए कहा, विवादित ढांचा गिराकर भाजपा ने जो किया उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता है, लेकिन कांग्रेस के दिखावे और धोखे को भी कोई मुसलमान नहीं भूल सकता। मुलायम ने मुसलमानों को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का समर्थन किया। मुलायम ने किया अमर का बचाव नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो : नोट के बदले वोट मामले में घिरे सपा के पूर्व नेता अमर सिंह को अपने पुराने नेताजी से समर्थन मिला है। मुलायम सिंह ने रविवार को उन्हें (अमर सिंह) निर्दोष करार देते कांग्रेस का षड्यंत्र बताया और भरोसा दिया कि जितना हो सकेगा वह उनकी मदद करेंगे। हालांकि यह भी साफ किया कि पार्टी में उनकी वापसी के लिए कोई जगह नहीं है। मुलायम ने कहा कि उस वक्त न तो सपा सरकार में शामिल हुई और न ही अमर व रेवती रमण मंत्री बने थे। फिर वह सांसदों की खरीद-फरोख्त में क्यों शामिल होते। दोनों नेताओं से पुलिस पूछताछ का विरोध करते हुए मुलायम ने कहा कि यह सपा को बदनाम करने की कांग्रेसी साजिश है। जब सरकार खतरे में थी, तो कांग्रेस समर्थन की गुहार लगा रही थी। सरकार गिराने की मुहिम का नेतृत्व भाजपा ने नहीं संभाला होता, तो सपा कभी सरकार का समर्थन नहीं करती। बहरहाल, मुलायम के समर्थन से अलग-थलग पड़े अमर सिंह का उत्साह बढ़ सकता है।


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