देश के मौजूदा राजनीतिक हालात और तमाम नए मुद्दों को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जल्दी ही भाजपा एवं अन्य आनुषंगिक संगठनों के साथ महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक करने जा रहा है। इस बैठक में संघ की तरफ से भाजपा को दिए गए एजेंडे की पड़ताल तो होगी ही, साथ ही राजनीतिक मुद्दों पर समन्वय पर भी विचार होगा। संघ के प्रमुख नेताओं के बीच दायित्वों को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है। पिछले दिनों असम में हुई संघ की महत्वपूर्ण बैठक में लिए गए निर्णयों को इस बैठक में रखा जाएगा। नितिन गडकरी के भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद संघ और भाजपा के बीच संबंधों में काफी बदलाव आया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत एवं गडकरी के बीच पहले से ही सहज और प्रगाढ़ रिश्ता होने से भाजपा और संघ के बीच पहले से चली आ रही व्यवस्था ज्यादा प्रभावी नहीं रही है। अभी संघ में सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी संघ की तरफ से राजनीतिक मामलों और भाजपा के साथ समन्वय का काम देखते हैं। सूत्रों के अनुसार अगले साल से नई व्यवस्था एवं दायित्वों में फेरबदल के तहत सोनी को भाजपा के साथ समन्वय के बजाए दूसरा महत्वपूर्ण दायित्व दिया जा सकता है। अगले माह उज्जैन में होने वाली इस बैठक में संघ भाजपा को दिए गए अपने एजेंडे की भी समीक्षा करेगा। इसमें इसका भी आकलन होगा कि अंत्योदय, आजीवन सहयोगी और अन्य कार्यक्रमों के जरिए भाजपा ने खुद को जमीन पर कितना मजबूत किया है। बैठक में संघ के खिलाफ कांग्रेस और केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान एवं भगवा आतंकवाद के आरोपों पर भी चर्चा होने की संभावना है।
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