Tuesday, July 12, 2011

तेलंगाना पर और देर हुई तो पूरा आंध्र झुलसेगा


तेलंगाना पर फैसले में और देरी हुई तो हिंसा की आग में पूरा आंध्र प्रदेश झुलस सकता है। अलग राज्य के निर्माण को लेकर सोमवार को हैदराबाद समेत तेलंगाना क्षेत्र के अन्य जिलों में हिंसा हुई। वहीं राज्य के दो अन्य हिस्सों तटीय आंध्र और रायलसीमा में संयुक्त आंध्र समर्थकों के विरोध प्रदर्शनों ने खतरे की घंटी बजा दी है। तेलंगाना समर्थकों जैसी रणनीति अपनाकर अलग राज्य के विरोधियों ने मंत्रियों के घरों का घेराव किया, रैलियां निकालीं और विशाखापत्तनम में छात्रों ने जमकर उत्पात मचाया। तेदेपा के तेलंगाना क्षेत्र के नेताओं ने तो मुख्यमंत्री आवास पर हमला करने की धमकी तक दे डाली है। हैदराबाद स्थित उस्मानिया यूनिवर्सिटी में पुलिस ने तेलंगाना समर्थक छात्रों की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करने की योजना कामयाब नहीं होने दी। लेकिन छात्रों के एक दल ने भूख हड़ताल शुरू की। राजभवन तक एक मोटरसाइकिल यात्रा निकालने से रोके जाने के बाद छात्र भड़क उठे। गुस्साए छात्रों ने विवि के मुख्य द्वार पर पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। तेलंगाना क्षेत्र के विभिन्न इलाकों से उस्मानिया आ रहे सैकड़ों छात्रों को भी पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने रविवार रात ही उस्मानिया विवि परिसर और छात्रावासों से छात्र नेताओं की गिरफ्तारी की। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के एक नेता ई. राजेंद्र ने आरोप लगाया कि तेलंगाना क्षेत्र के सभी 10 जिलों में सैकड़ों छात्रों को गिरफ्तार किया गया है। विश्वविद्यालय जाने वाले तमाम रास्ते पहले ही सील कर दिए गए थे। इस्तीफा दे चुके तेलंगाना क्षेत्र के कुछ विधायकों को पुलिस ने विधानसभा के बाहर उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वे आंदोलनकारियों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए उस्मानिया विवि जाने का प्रयास कर रहे थे। पूर्व में हुई हिंसक घटनाओं से सबक लेकर विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और स्थानीय पुलिसर्मियों की तैनाती की गई थी। पुलिस की कार्रवाई के बावजूद छात्र आ‌र्ट्स कॉलेज में एक मंच बनाने में सफल हो गए और लगभग 11 बजे के अनशन शुरू कर दिया। संयुक्त संघर्ष समिति के राजनीतिक समन्वयक एम कोडंदरम और कुछ अन्य नेताओं के मंच तक पहुंचने से पुलिस हक्का-बक्का रह गई। तेलंगाना समर्थक छात्र नेताओं ने करीब 10,000 छात्रों के साथ अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने की योजना बनाई थी। पुलिस आयुक्त एके खान ने कहा कि इस तरह के अनशन की अनुमति नहीं है। वहीं संयुक्त आंध्र समर्थकों ने विभाजन के खिलाफ विशाखापत्तनम से एक बस यात्रा निकाली जो राज्य के अन्य इलाकों में जाएगी। तेलंगाना समर्थक की तर्ज पर विभाजन के विरोधियों तटीय आंध्र और रायलसीमा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों का घेराव शुरू कर दिया है। तिरुपति में श्र्री वेंकटेश्वर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने राज्य का विभाजन रोकने के लिए कक्षाओं का बहिष्कार किया। संयुक्त आंध्र समर्थकों ने मांग की है कि तटीय आंध्र और रायलसीमा के जनप्रतिनिधि तेलंगाना निर्माण के विरोध में पदों से इस्तीफा दें। संयुक्त आंध्र समर्थकों ने राजस्व मंत्री एन रघुवीरा रेड्डी का घेराव किया। रेड्डी ने संयुक्त आंध्र समर्थकों से कहा कि इस्तीफा किसी समस्या का हल नहीं है। उन्हें छात्रों से यह कहना ही पड़ा कि वे संयुक्त आंध्र के पक्ष के लड़ाई लड़ेंगे। विवि छात्रों ने गुंटुर में ग्रामीण विकास मंत्री डी माणिक्य वरप्रसाद और कडप्पा में एमडी अहमददुल्ला के आवास का घेराव कर उनसे संयुक्त आंध्र के पक्ष में इस्तीफा देने की मांग की। तेदेपा तेलंगाना मंच के संयोजक ई. दयाकर राव ने कहा कि अगर छात्रों के साथ ज्यादती हुई तो मुख्यमंत्री आवास पर हमला बोला जाएगा। अगर जरूरत हुई तो वे अनशन पर बैठे छात्रों के समर्थन में अपनी बस यात्रा लेकर उस्मानिया विवि जाएंगे।


पृष्ठ संख्या 06, दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण), 12 जुलाई, 2011

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