नई दिल्ली पहले से ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जूझ रही कांग्रेस को विपक्ष भी उतनी चोट नहीं दे पा रहा, जितना कि उसके वरिष्ठ नेता। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस से ही राज्यसभा सदस्य मणिशंकर अय्यर ने कांग्रेस को सर्कस बता डाला। साथ ही जोड़ा कि हर कांग्रेसी इस सर्कस में खुद को बेहतर जगह पर स्थापित करने की जिद्दोजहद में लगा है। अय्यर के बयान से असहज कांग्रेस टिप्पणी करने से तो बच रही है, लेकिन पार्टी के ही दूसरे वरिष्ठ नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री को जोकर करार दे डाला। जबकि कांग्रेस के भीतर चल रहे इस सर्कस के दूर से मजे ले रही भाजपा ने इस पर कुछ ज्यादा टिप्पणी करने से परहेज किया। अय्यर ने एक पुस्तक विमोचन के दौरान अपनी बेलाग टिप्पणी में कह दिया कि पद पाने के लिए लोग सोनिया गांधी से लेकर उनके राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के चक्कर लगाते हैं और जो कुछ नहीं पाते वे कांग्रेस दफ्तर में डेरा जमाते हैं। पार्टी की मुश्किलें बढ़ाने वाले बयान में अय्यर ने कहा कि जिनके काम बन जाते हैं उनकी पहुंच 10, जनपथ तक होती है, जबकि जिनको अपना काम बनने की आस होती है वे 23 ,वेलिंगटन क्रीसेंट के चक्कर लगाते हैं। 24, अकबर रोड तो वे लोग आते हैं, जिनकी सारी उम्मीदें खत्म हो चुकी होती हैं। ध्यान रहे कि 10, जनपथ सोनिया गांधी का आवास है तो 23, वेलिंगटन क्रीसेंट अहमद पटेल का, जबकि 24, अकबर रोड कांग्रेस मुख्यालय है। अय्यर इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि उम्मीद खो चुके लोग कांग्रेस दफ्तर इस आस से आते हैं कि यहां मेज-कुर्सी लगाए बैठे लोगों से मुलाकात कर शायद उनका काम बना पाए, लेकिन कम लोग ही यह जानते हैं कि यहां बैठे 10 लोगों में आधे वे होते हैं जो किसी ऊंची कुर्सी या ओहदे की दौड़ में लगे होते हैं, बाकी पांच हाशिए पर जा रहे होते हैं। कई बार लोग सफल होते हैं तो कई बार असफल। यह एक तरह का मेला है और हर कांग्रेसी को इस सर्कस में शामिल होना ही पड़ता है। अय्यर की टिप्पणी से कांग्रेस नेतृत्व न सिर्फ असहज है, बल्कि नाराज भी। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने तो बस इतना ही कहा कि, आप मणिशंकर को जानते ही हैं। लेकिन वरिष्ठ नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी उन पर कटाक्ष करने से नहीं चूके। चतुर्वेदी ने कहा कि कहीं अय्यर सर्कस के जोकर तो नहीं हैं! दूसरी ओर भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मणिशंकर अय्यर खुद राजीव गांधी और सोनिया गांधी के बेहद करीब रहे हैं। उनको साहित्यिक कोटे से राज्यसभा में कांग्रेस ही लाई। अगर वे कांग्रेस के बारे में कोई टिप्पणी करते हैं तो वे खुद ही सोचें।
No comments:
Post a Comment