Friday, July 22, 2011

यह सोनिया-राहुल की भाषा है


मुंबई विस्फोटों और आतंकवाद को लेकर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के बयानों पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा है कि यह उनकी नहीं, बल्कि सोनिया और राहुल गांधी की भाषा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर बम बनाने की फैक्ट्री चलाने और मुंबई की घटना में संघ का हाथ होने की आशंका जताने वाले कांग्रेस महासचिव की कड़ी भ‌र्त्सना करते हुए पार्टी महासचिव रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेतृत्व से देश से माफी मांगने को कहा है। उन्होंने इसे भ्रष्टाचार और आतंकवाद के मुद्दे पर फंसी कांग्रेस की एजेंडा बदलने की कोशिश करार दिया। प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खुद ही कहा था कि पार्टी में केवल प्रवक्ता ही बोलेंगे, फिर भी दिग्विजय सिंह लगातार बोल रहे हैं। इससे जाहिर है कि वे सोनिया और राहुल के कहने पर ही बोल रहे हैं। जब भी आतंकवाद और भ्रष्टाचार पर अभियान होते हैं, दिग्विजिय सिंह अपना एजेंडा लेकर आ जाते हैं। पहले राहुल गांधी ने हिंदू आतंकवाद को देश के लिए खतरनाक बताया था, उसके बाद दिग्विजय सिंह उनके झंडे को लेकर घूम रहे हैं। बटला हाउस मामले में वे आजमगढ़ पहुंच गए थे। पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए थे और आतंकियों को निर्दोष बताने की कोशिश की थी। ओसामा बिन लादेन के मारे जाने पर उसे ओसामा जी कहा था। इतना ही नहीं, काले धन के खिलाफ अभियान चलाने पर बाबा रामदेव को ठग कहा और भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन करने वाले अन्ना हजारे को तो तानाशाह बता डाला था। इसी तरह राष्ट्रमंडल खेल घोटाले में जेल गए सुरेश कलमाड़ी को तो उन्होंने ही निर्दोष बता दिया। अब दिग्विजय सिंह सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को जानबूझ कर सांप्रदायिक जामा पहनाने में लगे हुए हैं। इससे मुंबई की आतंकी घटना की जांच को प्रभावित और दिग्भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है। संघ राष्ट्रवादी संगठन है और भाजपा को उस पर गर्व है। उस पर आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सोनिया गांधी से आग्रह किया कि वे देश की एकता अखंडता को वोट बैंक की राजनीति के लिए दांव पर न लगाएं

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