मुंबई सीरियल ब्लास्ट की जांच और खुफिया जानकारी जुटाने में नाकामी के लिए लगातार आलोचना का शिकार हो रहे गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को आतंकवाद के सहारे मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा पर जोरदार राजनीतिक हमला बोल दिया। भाजपा की ओर से 2जी मामले में खुद को निशाना बनाए जाने और इस्तीफा मांगे जाने के बाद चिदंबरम ने कहा कि दक्षिणपंथी आतंकी संगठनों की तेजी से हो रही जांच से घबरा कर यह पार्टी उन पर हमला कर रही है। चिदंबरम ने दक्षिणपंथी आतंकी संगठनों की ओर इशारा करते हुए कहा, सबको पता है कि इनका आका कौन है। इन मामलों के आरोपी, भगोड़े और जिनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल हो चुके हैं वे लोग कौन हैं? मक्का मस्जिद, अजमेर शरीफ, समझौता एक्सप्रेस और मालेगांव विस्फोट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ये हाल के दिनों के सबसे बड़े आतंकी हमले हैं, जिनकी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) जांच कर रही है, लेकिन इन्हें कौन बचा रहा है? सब जानते हैं कि इन मामलों के भगोड़े संघ और भाजपा के करीबी हैं। ये क्यों नहीं कानून के सामने आते? इन्हें कौन पनाह दे रहा है? उन्होंने कहा कि कम से कम नौ ऐसे मामले हैं, जिनमें दक्षिणपंथी आतंकी संगठनों के बम बनाने और निर्दोष लोगों की जान लेने के पक्के सबूत मिले हैं। चूंकि यूपीए सरकार ने इन मामलों की जांच को तेजी दे दी है, इसलिए भाजपा की ओर से उन्हें, दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये आतंकी संगठन निर्दोष लोगों की जान ले रहे हैं इसलिए सरकार इन मामलों से सख्ती से निपट रही है। चिदंबरम के इस बयान की भाजपा ने निंदा करते हुए इसे पाकिस्तान के रवैये के पक्ष में जाता हुआ बताया। भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, 2जी घोटाले में जिस तरह रोजाना उनका नाम उजागर हो रहा है उससे निपटने के लिए चिदंबरम को कोई बेहतर रास्ता अपनाना चाहिए था। इस बयान से यह भी साफ हो रहा है कि मुंबई हमले के आरोपियों के खिलाफ यह सरकार कुछ नहीं करने के अपने रुख पर कायम है। भाजपा ने सोमवार को ही ए. राजा की ओर से अदालत में प्रधानमंत्री और तब के वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का नाम लिए जाने के बाद इन दोनों पर जोरदार हमला बोला। इससे पहले दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेस के पदाधिकारी तो ऐसा आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन गृहमंत्री को ओर से भाजपा को सीधे आंतकवादी संगठनों से जोड़ने का बयान पहली बार आया है।
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