Saturday, September 15, 2012

नाराज ममता ने दिया 72 घंटे का अल्टीमेटम



ठ्ठ जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली तमाम सियासी दबावों को धता बताते हुए मनमोहन सरकार ने अब आर्थिक सुधारों पर फ्रंटफुट पर खेलने का फैसला कर लिया है। संप्रग का हिस्सा तृणमूल कांग्रेस और सरकार को बाहर से समर्थन दे रही सपा की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) समेत आधा दर्जन बड़े फैसलों को हरी झंडी दिखा दी। सरकार को दांव पर लगाते हुए प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडल की बैठक में दो टूक कह दिया कि अब सुधारों का वक्त है और अगर जाना है तो हमें लड़ते हुए जाना है। डीजल और एलपीजी के दाम में बढ़ोतरी से पहले ही नाराज चल रही ममता बनर्जी एफडीआइ के फैसले के बाद उग्र हो गईं। तृणमूल प्रमुख ने फेसबुक पर लिखा, लूट चल रही है। साथ ही पार्टी ने तीन दिन में बढ़े दाम और रिटेल में एफडीआइ के फैसले को पलटने का अल्टीमेटम दे दिया। आर्थिक सुधारों के लिए मनमोहन सरकार के कड़े फैसलों के बाद केंद्र में राजनीतिक संकट का खतरा भी पैदा हो गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दाहिने हाथ समझे जाने वाले रेल मंत्री मुकुल राय ने सरकार के लिए फैसले पलटने के तीन दिन का वक्त मुकर्रर कर दिया है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को फोन कर फैसले वापस लेने को कहा है। तृणमूल ने स्पष्ट कर दिया कि डीजल, एलपीजी के दाम बढ़ाने से लेकर किसी मुद्दे पर उनसे विमर्श नहीं किया गया। पार्टी ने धमकी दी कि मंगलवार को तृणमूल संसदीय दल की बैठक में इस मसले पर कोई सख्त फैसला ले सकते हैं। ममता ने फेसबुक पर अपने कड़े तेवर जाहिर कर दिए। उन्होंने यह भी लिखा कि एफडीआइ झटका है और हम इसका समर्थन नहीं कर सकते। जद-एस ने भी एफडीआइ के मुद्दे पर सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दी है। संप्रग के आर्थिक सुधारों की राह में ममता ही लगातार ब्रेक लगाए रही हैं। खुदरा क्षेत्र में किसी भी तरह के एफडीआइ के खिलाफ ममता ने लगातार लाल झंडा उठाए रखा। मगर आर्थिक मोर्चे पर दुनिया में गिरती साख और सरकार के खाली होते कोष व चौतरफा संप्रग के खिलाफ बने निराशाजनक माहौल से उबरने के लिए शुक्रवार को सरकार ने आखिरकार कड़े और साहसिक फैसले किए। किसी भी तरह के दबाव में न आने का संकेत देते हुए प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा, कैबिनेट ने आज आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाने और भारत को विदेशी निवेश के लिहाज से आकर्षक बनाने के लिए कई निर्णय लिए हैं। मेरे विचार से मुश्किल के इस दौर में इन उपायों से विकास की रफ्तार बढ़ेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। मैं जनता के हर वर्ग से अपील करता हूं कि वह राष्ट्रहित में उठाए गए इन कदमों का समर्थन करें।

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