Friday, September 30, 2011

हिंसक हुआ तेलंगाना आंदोलन


अलग तेलंगाना राज्य की मांग को लेकर जारी आंदोलन हिंसक होता हुआ नजर आ रहा है। आंध्र प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने दो निजी बसों और एक रेलवे बुकिंग काउंटर में आग लगा दी। इसके अलावा अलग राज्य की मांग को लेकर मुख्य विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के तेलंगाना क्षेत्र के 32 विधायकों ने आंध्र प्रदेश विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। वहीं, हैदराबाद में आंदोलनकारियों द्वारा कई जगह पर सड़क यातायात बाधित करने पर दर्जनों नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक, जामिया उस्मानिया रेलवे स्टेशन के नजदीक देर रात एक बजे अज्ञात लोगों ने एक वॉल्वो बस को आग के हवाले कर दिया। सॉफ्टवेयर कंपनी के कर्मचारियों को लाने ले जाने वाली बस एक निजी ऑपरेटर की थी। एक दूसरी घटना में सीताफलमंडी रेलवे स्टेशन पर एक बुकिंग काउंटर में आग लगा दी गई। पुलिस के घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही हमलावर वहां से गायब हो गए। दोनों घटनाएं उस्मानिया विश्वविद्यालय के नजदीक हुईं। विश्वविद्यालय में छात्र अलग तेलंगाना की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी इससे पहले जामिया उस्मानिया रेलवे स्टेशन को निशाना बना चुके हैं। तीसरी घटना में नलगोंडा जिले में हैदराबाद से विजयवाड़ा जा रही एक निजी बस को आग के हवाले कर दिया गया। इससे पहले बस में सवार यात्रियों को जबरन नीचे उतार दिया गया था। आंदोलन की अगुआई कर रही तेलंगाना संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने हैदराबाद और सीमांध्रा (रायलसीमा व आंध्रा क्षेत्र) के बीच चलने वाली बसों को रोकने की धमकी दी है। जेएसी नेताओं ने सरकार को बसों का परिचालन नहीं रोकने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। राज्य संचालित सड़क परिवहन निगम (आरटीसी) की बसें 10 दिन से तेलंगाना की सड़कों पर नहीं उतरी हैं। आरटीसी कर्मचारी भी अलग राज्य की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन में कूद पड़े हैं। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव के बेटे केटी रामा राव को पुलिस ने बुधवार को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए जाने से ठीक पहले उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि तेलंगाना में हालात नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं। उन्होंने मामले में केंद्र से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि रेड्डी सरकार जनभावना को दबाने की कोशिश कर रही है। हैदराबाद में अलग तेलंगाना की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे टीआरएस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई कार्यकर्ताओं को बुधवार को हिरासत में लिया गया। बुधवार को अलग तेलंगाना के समर्थन में 32 तेदेपा विधायकों ने आंध्र प्रदेश विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले जुलाई में इसी मांग को लेकर तेदेपा विधायकों ने इस्तीफा दिया था, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उनके त्यागपत्र अस्वीकार कर दिया। तेदेपा विधायकों ने अपने त्यागपत्र सदन के अध्यक्ष एन मनोहर के उपलब्ध नहीं होने के कारण सचिव एस राजा सादाराम को सौंपे। इस बीच, पार्टी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने तेलुगू देशम विधायक दल कार्यालय में कांग्रेस विधायकों का छह घंटे से ज्यादा इंतजार किया, लेकिन कोई नहीं आया। सरकारी कर्मचारियों की आम हड़ताल 15वें दिन भी जारी रही। जेएसी के नेताओं, टीआरएस, भाजपा और जेएसी के घटक दलों द्वारा व्यस्त चौराहों पर बैठने से सड़क यातायात ठप्प हो गया। हैदराबाद और सिकंदराबाद में 100 जगहों पर सड़क यातायात रोको अभियान चलाया गया। जेएसी के संयोजक एम. कोडंडरम को सिकंदराबाद के वाणिज्यिक केंद्र पैराडाइज से, टीआरएस के विधायक के. तारकरा रामा राव को मेट्टूगुडा से और भाजपा के वरिष्ठ नेता बंडारू दत्तात्रेय को समर्थकों के साथ गिरफ्तार किया गया। हड़ताल करने वाले सरकारी कर्मचारियों द्वारा सचिवालय के अन्य कर्मचारियों को कार्यालय जाने से रोकने पर पुलिस ने दर्जनों कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया है। तेलंगाना कर्मचारी नेता स्वामी गौड़ पर पुलिस हमले के विरोध में सड़क रोको अभियान चलाया गया। तेलंगाना समर्थक वकीलों ने मानवाधिकार आयोग के समक्ष पुलिस की शिकायत दर्ज कराई है। आयोग ने डीजीपी से सोमवार तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

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