Tuesday, September 20, 2011

शीला ने खेला दलित कार्ड

नई दिल्ली दिल्ली सरकार ने दलित कार्ड खेलते हुए झुग्गियों में रहने वाले अनुसूचित जाति के लोगों को मुफ्त में आवास देने का फैसला किया है। राजीव रत्‍‌न योजना के तहत सरकार द्वारा मुफ्त आवास वितरित किए जाने के निर्णय को उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है। योजना के तहत लगभग 70 हजार आवासों का निर्माण किया जाना है। सरकार के अनुसार 14 हजार आवास आवंटन के लिए तैयार हैं। राजीव रत्‍‌न योजना को लेकर लोकायुक्त की टेड़ी नजर को झेल रही मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने दलितों की हमदर्दी बटोरने की कोशिश की है। झुग्गीवासियों को पुनर्वास के लिए जिन मकानों के लिए 60 हजार रुपये अदा करने थे, अब सरकार ने यह राशि स्वयं अदा करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सोमवार को यह फैसला लिया गया है। दिल्ली सरकार की इस योजना का विरोध करते हुए एक भाजपा नेत्री ने लोकायुक्त से शिकायत की थी। इसमें सरकार पर गुमराह करने का आरोप लगाया गया था। दीक्षित ने कहा कि कांगे्रस सरकार अनुसूचित जाति समेत समाज के कमजोर वर्गो के उत्थान के लिए पूर्ण निष्ठा से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार महत्वाकांक्षी राजीव रत्‍‌न योजना के तहत कम लागत के आवास आवंटन के लिए तैयार हंै। मंत्रिमंडल ने झुग्गी झोंपड़ी के अनुसूचित जाति के निवासियों के पुनर्वास के समय उनके आवास आवंटन के लिए अंशदान को पूरी तरह माफ कर राहत देने का मार्ग प्रशस्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति के झुग्गी निवासियों को राजीव रत्‍‌न आवास योजना के तहत दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड द्वारा पुनर्वासित किया जा रहा है। ऐसे में उन्हें अपने अंशदान के 60 हजार रुपये का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। इस राशि को दिल्ली सरकार वहन करेगी। लेकिन गैर अनुसूचित जाति के लोगों को अपने हिस्से का अंशदान पूर्ववत अदा करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इन आवासों की अनुमानित लागत 3.34 लाख रुपये है। इनमें से भारत सरकार का योगदान 1.19 लाख, दिल्ली सरकार का योगदान 62 हजार और जमीन के स्वामित्व वाली एजेंसी का योगदान 93 हजार रुपये है। दीक्षित ने कहा कि दिल्ली को स्लम मुक्त शहर बनाने के मकसद से सरकार ने पुनर्वास योजना बनाई है। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के गठन से राजीव रत्‍‌न आवास योजना के तहत कम लागत के आवास के निर्माण की गति तेज हुई है। पुनर्वास का काम शुरू होते ही विकसित कॉलोनी में सभी नागरिक सुविधाओं के साथ आवास का सपना साकार हो जाएगा

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