Wednesday, September 21, 2011

मोदी जैसों का कद बढ़ना शुभ संकेत नहीं

नई दिल्ली गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन दिन के सद्भावना उपवास के फायदों को लेकर भाजपा गदगद हो सकती है, लेकिन कांग्रेस ने इसे बीते दस साल में भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा पाखंड करार दिया है। पार्टी ने यहां तक कह दिया कि है कि चूंकि मोदी देश की सामाजिक बनावट और समन्वित स्वरूप को ही नहीं स्वीकारते, लिहाजा उनके जैसे नेताओं का कद बढ़ना देश के लिए शुभ संकेत नहीं है। कांग्रेस महासचिव एवं मीडिया विभाग के चेयरमैन जनार्दन द्विवेदी ने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा, मोदी का उपवास भाजपा एवं राजग का सिरदर्द है। उससे संप्रग पर कोई फर्क नहीं पड़ता। भाजपा की ओर से मोदी को भविष्य के प्रधानमंत्री के रूप में पेश करने से धर्मनिरपेक्ष और गैर धर्मनिरपेक्ष लोगों के ध्रुवीकरण के मद्देनजर क्या कांग्रेस खुश है? द्विवेदी ने कहा, बिल्कुल नहीं। मोदी जैसों का कद बढ़ना देश के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। लिहाजा कांग्रेस के प्रसन्न होने का सवाल ही नहीं पैदा होता। उपवास पर राजग के घटक दलों के अलग-अलग बयानों पर उन्होंने कहा, अगर उसमें जदयू और शिवसेना नहीं शामिल हुईं, तो राजग है कहां? दरअसल भाजपा के प्रमुख नेता अपने-अपने प्रभुत्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आडवाणी की रथयात्रा हो या फिर भाजपा अध्यक्ष के पैंतरे, यह सब उसी का हिस्सा है। उसी क्रम में मोदी भाजपा पर प्रभुत्व के लिए उपवास का नाटक कर रहे थे। इसमें कोई ताज्जुब नहीं है। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उपवास पर बैठे नरेंद्र मोदी ने अपनी छवि ठीक करने के प्रयास में चाहे जो कहा हो, समाज का कोई भी समुदाय यह नहीं मान सकता कि वह अंतरात्मा से जाति और सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ हैं। भाजपा में कुछ लोग मोदी के बिना राजनीति की कल्पना नहीं कर सकते। मोदी का ढोल बजाना उन लोगों की मजबूरी है। दरअसल जिस तरह भाजपा कर्नाटक में मजबूर थी, कुछ मामलों में गुजरात में भी उसकी वही स्थिति है

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