Friday, September 30, 2011

हिसार में मुद्दों पर हावी जातिगत समीकरण


हिसार के संसदीय उपचुनाव में मुद्दों पर फिलहाल जातिगत समीकरण हावी दिख रहे हैं। इस त्रिकोणीय मुकाबले में तीनों प्रमुख प्रत्याशी चुनावी प्रचार में विकास और भ्रष्टाचार को मुद्दा बना रहे हैं, लेकिन वास्तव में जाति के अंडर करेंट का बोझ सब पर भारी है। दो दिग्गज जाट प्रत्याशियों के मैदान में होने से उनका वोट लेने की दौड़ तो है ही, लेकिन यहां दूसरी बिरादरी के मतदाताओं का रुख और ज्यादा अहम है। यही कारण है कि तीनों प्रमुख उम्मीदवार जातिगत समीकरणों को साधने में जुटे हैं। भजनलाल के निधन से खाली हुई इस सीट पर मुख्य मुकाबला उनके बेटे और हजकां-भाजपा उम्मीदवार कुलदीप विश्नोई, इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला के बेटे अजय चौटाला और पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश बरवाला के बीच सिमटा हुआ है। मतदान 13 अक्टूबर को है, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से लेकर ओम प्रकाश चौटाला समेत सभी दिग्गजों की आवाजाही से हिसार का की आबो-हवा पूरी तरह से सियासी रंग से सराबोर है। यह चुनाव दरअसल, कुलदीप विश्नोई और अजय चौटाला की भविष्य की सियासत के लिए अहम है, वहीं इनेलो और हजकां के बीच चौधर या दबदबे की लड़ाई भी है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश बरवाला उर्फ जेपी के साथ-साथ हरियाणा सरकार की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। यही कारण है कि खुद मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी कैबिनेट के साथ यहां डेरा डाले हैं तो ओम प्रकाश चौटाला, अभय चौटाला और उनकी नई पीढ़ी दिग्विजय और दुष्यंत चौटाला भी हिसार में जम गए हैं। कुलदीप विश्नोई का तो यह गृह क्षेत्र है और वह खुद को भजनलाल का वारिस साबित कर गैर जाट वोटों के बीच अपनी जगह बनाने की पूरी मशक्कत कर रहे हैं। सुषमा स्वराज जैसे भाजपा के शीर्ष नेता भी उनके समर्थन में आएंगे, इससे पहले स्थानीय नेता माहौल तैयार करने में जुटे हैं। हिसार के करीब 12 लाख 50 हजार मतदाताओं में सबसे ज्यादा करीब 4.40 लाख वोट जाट बिरादरी का है। ऐसे में बाकी आठ लाख से ज्यादा वोटों के बीच पैठ बनाने की ज्यादा होड़ है। इनमें सबसे ज्यादा करीब 16 फीसदी यानी करीब सवा दो लाख दलितों का रुख बेहद अहम है। इसके अलावा पंजाबी, ब्राह्मण, वैश्य, यादव, विश्नोई, कुम्हार आदि के वोट बेहद अहम हैं। सभी प्रत्याशियों ने अपने चुनाव क्षेत्र के प्रभारियों की नियुक्ति में उस क्षेत्र विशेष के जातीय समीकरणों का ध्यान रखते ही वहां अपने प्रतिनिधि नियुक्त किए हैं।

No comments:

Post a Comment