उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण में मंगलवार को 60 फीसद से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसके पूर्व वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में छठे चरण में 46.86 फीसद मतदान हुआ था। इस चरण में राज्य के पश्चिमी क्षेत्रों के 13 जिलों की 68 सीटों के लिए मतदान हुआ। मतदान के दौरान छिटपुट घटनाएं भी हुईं। बागपत जिले के बड़ौत विधानसभा क्षेत्र के ढिकाना गांव में मतदान को लेकर राष्ट्रीय लोकदल के समर्थकों ने दलितों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। आगरा के एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र के खंदौली के गांव शेरखान में बसपा और भाजपा कार्यकर्ताओं की भिड़ंत में कई लोगों को चोटें आई। विवाद की शुरुआत कथित रूप से एक व्यक्ति को पोलिंग कर्मचारियों द्वारा मतदान से रोके जाने से हुई। इस बीच, किसी ने गोली चला दी जिससे एक व्यक्ति घायल हो गया। दोनों पक्षों के बीच हुए पथराव में सेक्टर मजिस्ट्रेट और एक पोलिंग कर्मचारी को चोटें आयीं। डिबाई में सपा प्रत्याशी गुड्डू पंडित के खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए हैं। दानपुर ब्लाक की प्रमुख ने उनके खिलाफ मारपीट और अस्पृश्यता अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया है। सहारनपुर के 106 हुसैन मलक बूथ और 108 शाहपुर मतदान केंद्र पर लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया। इसका कारण गांव का विकास न होना बताया गया है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने बताया कि छठे चरण में सायं 5.00 बजे तक 60.08 फीसद मतदान हुआ है। मतदान शांतिपूर्ण हुआ और कहीं से किसी भी तरह की कोई गंभीर शिकायत नहीं मिली। श्री सिन्हा ने कहा कि गाजियाबाद के 57 मोदीनगर विधानसभा क्षेत्र के पोलिंग सेन्टर 67 एसआर पब्लिक स्कूल, विजय नगर में ईवीएम के माकपोल न किये जाने के कारण दोबारा मतदान कराया जाएगा। छठे चरण में 86 महिला समेत 1103 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। यह चरण प्रत्याशियों के लिहाज से सबसे बड़ा था। श्री सिन्हा ने बताया कि इस चरण में मतदाताओं की संख्या दो करोड़ 14 लाख थी। मतदान के लिए 12 हजार 70 पोलिंग सेन्टर और 21 हजार 317 पोलिंग स्टेशन बनाए गए थे। इसमें 30 हजार से ज्यादा ईवीएम का प्रयोग किया गया। उन्होंने बताया कि छठे चरण में सहारनपुर में 64.86 फीसद, प्रबुद्ध नगर- 59.33 , मुजफ्फरनगर- 59.17, मेरठ- 60.86, बागपत- 55.67 , गाजियाबाद - 58.00 , पंचशील नगर- 60.67, गौतमबुद्ध नगर- 55.60, बुलंदशहर- 61.07 , अलीगढ़- 60.00, महामाया नगर- 60.5 , मथुरा- 63.80 और आगरा में 58.82 फीसद मतदान हुआ है। फिलहाल, इसमें आंशिक बढ़ोतरी भी हो सकती है। उन्होंने बताया कि सहारनपुर के चार विधानसभा क्षेत्रों में सर्वाधिक 69 फीसद मतदान हुआ है। इसके अलावा अलीगढ़, बुलन्दशहर, मथुरा, मेरठ, पंचशीलनगर, महामायानगर में 60 फीसद से ज्यादा मतदान हुआ। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश के 65 जिलों में मतदान हो चुका है। इन सभी जिलों में कुल मतदान प्रतिशत 58.40 है जो आजादी के बाद का सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशत है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि छठे चरण में कुल 68 शिकायतें आयी थीं। इनमें 27 ईवीएम की खराबी और शेष मतदाता सूची, फोटो आईकार्ड, वोटर पर्ची आदि के थे। सभी शिकायतों की जांच करायी गयी। इनमें कई शिकायतें फर्जी पायी गयीं। गाजियाबाद में एक्टिविस्ट अरविन्द केजरीवाल के मतदान न डाल पाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मतदाता को भी देखना चाहिए कि उसका नाम मतदाता सूची में है अथवा नहीं। बावजूद इसके वह इस मामले की जांच करायेंगे कि इसमें गलती बीएलओ के स्तर से है अथवा कहीं और से। यह चरण राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौ. अजित सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के लिए खासतौर पर प्रतिष्ठा से जुडा है क्योंकि दोनों के पुत्र चुनाव मैदान में हैं। श्री चौधरी के सांसद पुत्र जयन्त चौधरी मथुरा की मांट सीट से उम्मीदवार हैं जबकि कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह बुलन्दशहर की डिबाई सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय सिकन्दराराऊ से, कृषि मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी छाता से, बसपा के मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह बरौली से, सपा के अरिदमन सिंह, पूर्व मंत्री चौधरी बशीर, रालोद प्रदेश अध्यक्ष बाबा हरदेव सिंह, बसपा के धर्मपाल सिंह, रालोद से हाजी याकूब, किठौर सीट से बसपा के लखीराम नागर, वेदराम भाटी, रालोद से कोकब हमीद, डिबाई से सपा से भगवान शर्मा, बसपा के धर्म सिंह सैनी, सपा के किरनपाल कश्यप आदि प्रमुख प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। मंगलवार को टीम अन्ना के अन्य सदस्य कुमार विास और राष्ट्रीय लोकमंच के अध्यक्ष सांसद अमर सिंह ने गाजियाबाद के साहिबाबाद में वोट डाला जबकि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने अलीगढ़ में और केन्द्रीय उड्डयन मंत्री चौधरी अजित सिंह ने बागपत में अपना वोट दिया। मतदान के दौरान हुई छिटपुट घटनाओं में मुजफ्फरनगर के जानसठ विधानसभा क्षेत्र के सूजड़ू गांव स्थित मतदान केंद्र पर उस समय हंगामा मच गया जब बसपा सांसद कादिर राणा ने एक युवक पर यह आरोप लगाते हुए थप्पड़ जड़ दिया कि वह मतदाताओं को एक प्रत्याशी विशेष के पक्ष में मतदान करने के लिए दबाव डाल रहा है। व्यवस्था से खफा और पुल, सड़क या स्कूल निर्माण न किए जाने के खिलाफ कई स्थानों पर लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर अपने गुस्से का इजहार किया। जानसठ विधानसभा क्षेत्र के ढांसरी में सड़क न बनाए जाने के विरोध में ग्रामीणों ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया। बाद में हालात बिगड़ने पर पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। मेरठ दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के ततीना के ग्रामीणों ने मतदान का सामूहिक बायकॉट किया। गांव वाले मेरठ-मुरादाबाद रेल लाइन पर गांव के निकट मानव रहित फाटक बंद किए जाने से नाराज थे। उन्होंने रेल ट्रैक पर डेरा डाल दिया। बाद में प्रशासन ने बड़ी मुश्किल से उन्हें वहां से हटाया, लेकिन ग्रामीणों ने खुद को मतदान प्रक्रिया से विरत रखा। बेहट (सहारनपुर) से भी बहिष्कार की रिपोर्ट मिली है। बुलंदशहर के शिकारपुर विधानसभा क्षेत्र के पहासू के पड़ागांव के ग्रामीणों ने विकास में पर्याप्त हिस्सेदारी न मिलने पर चुनाव का बहिष्कार किया। नोएडा विधानसभा क्षेत्र के बहलोलपुर पोलिंग बूथ पर क्षेत्रीय सांसद व पुलिस के बीच झड़प हो गई। बाद में समर्थकों के साथ सांसद ने सड़क पर जाम लगा दिया। सूचना मिलने पर डीआईजी ज्योति नारायण दल- बल के साथ मौके पर पहुंचे और समझा-बुझाकर जाम खत्म कराया।
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