केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल भले ही दिल्ली पहुंचकर कानपुर में दिए गए अपने बयान से मुकर गए हों, लेकिन उनके बयान से यूपी की सियासत गरमा गई है। इलाहाबाद में मौजूद भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने चुनाव बाद यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने संबंधी श्रीप्रकाश जायसवाल के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा संविधान के साथ खिलवाड़ किया है। चुनाव परिणाम आने से पहले इस तरह की बयानबाजी एक सोची-समझी चाल है। कांग्रेस इससे पहले भी राष्ट्रपति शासन लगा संविधान के साथ खिलवाड़ कर चुकी है। आडवाणी ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर ने भी कभी नहीं सोचा रहा होगा कि विषम परिस्थितियों में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने संबंधी संविधान की इस कड़ी का दुरुपयोग होगा। समाजवादी पार्टी ने जायसवाल के बयान को अपनी जीत के रूप में लिया। मतदान के लिए इटावा पहुंचे समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि श्रीप्रकाश जायसवाल के बयान से स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस ने अपनी हार स्वीकार कर ली है, इसलिए राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी दे रही है, लेकिन इसकी नौबत नहीं आने वाली है। समाजवादी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिल रहा है। उधर, आगरा में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अब लाट साहब की सरकार बनवाने के लिए कांग्रेसी युवराज के कुछ दरबारी दबाव बना रहे हैं। वह प्रदेश की जनता को गवर्नर राज की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव होते हैं लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बरकरार रखने के लिए, न कि राष्ट्रपति शासन के लिए। कांग्रेस संवैधानिक प्रक्रिया को पूरी तरह ध्वस्त करने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह हताश हो चुकी है। भाजपा पूरे बहुमत से प्रदेश में सरकार बनाएगी।
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