लोकतंत्र को मजबूत करने का एक और मौका आ गया। इस बार इसकी जिम्मेदारी तीसरे चरण के मतदाताओं की उठानी है। उन्हें बुधवार को वोट डालने के लिए घरों से निकलना है। इस चरण में पहले दो चरणों के मुकाबले ज्यादा वोट पड़ने की संभावना है। इसकी वजह इस चरण में उन जिलों का शामिल होना है जिसने देश को कई प्रधानमंत्री दिये हैं। जाहिर है कि ऐसे में यहां के मतदाताओं से जागरूकता की ज्यादा उम्मीद की जा रही है। विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में दस जिलों की 56 सीटों पर मतदान होना है। ये जिले हैं- छत्रपति शाहूजी महराज नगर (अमेठी), सुल्तानपुर, कौशाम्बी, इलाहाबाद, जौनपुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदासनगर, मिर्जापुर और सोनभद्र। मतदान सुबह सात बजे से शुरू होगा। चंदौली जिले के चकिया और सोनभद्र जिले के राबर्टसगंज व दुद्धी निर्वाचन क्षेत्रों में सायं चार बजे तक मतदान होगा। बाकी सभी स्थानों पर शाम पांच बजे तक वोट पड़ेंगे। तीसरे चरण में 77 महिलाओं सहित कुल 1018 प्रत्याशी मैदान में हैं। करीब 1.77 करोड़ से अधिक मतदाता उनकी तकदीर का फैसला करेंगे। इनमें 97.50 लाख पुरुष और 80.30 महिलाएं शामिल हैं। इस चरण में 11607 मतदान केन्द्रों के कुल 18374 पोलिंग स्टेशनों पर मतदान होगा। मंगलवार को ज्यादातर उम्मीदवारों ने जहां बूथ मैनेजमेंट में अपनी ताकत झोंकी वहीं जनसम्पर्क के जरिये मतदाताओं को भी लुभाने का प्रयास किया। इससे पहले चुनाव प्रचार के दौरान भी सभी दलों के दिग्गज नेता जनता के बीच अपनी-अपनी बातें रख चुके हैं। प्रत्याशी भी अपने वादे-इरादे जाहिर कर चुके हैं। अब फैसला मतदाताओं को करना है कि वह अपना कैसा जनप्रतिनिधि चाहते हैं। ये दिग्गज हैं मैदान में इस चरण में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष केशरी नाथ त्रिपाठी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह भाजपा से, मायावती सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, इन्द्रजीत सरोज, विनोद सिंह व मंत्री पद से हटाये गये रंगनाथ मिश्र बसपा से, बसपा सरकार में मंत्री रहे राकेश धर त्रिपाठी निर्दलीय, पूर्व मंत्री अमिता सिंह कांग्रेस से और पूर्व मंत्री उज्जवल रमण सिंह सपा से चुनाव मैदान में हैं। दांव पर दलों की प्रतिष्ठा परिसीमन से पहले सन 2007 के विधानसभा चुनाव में इन दस जिलों की कुल 53 सीटों पर बसपा ने 31, सपा ने 11, भाजपा ने छह, कांग्रेस ने तीन व जदयू ने एक पर जीत दर्ज की थी। ऐसे में बसपा पर जहां पूंजी बचाने का सर्वाधिक दबाव है वहीं सपा की कोशिश अपना दबदबा कायम करने की है। राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र के कारण यह चरण कांग्रेस की प्रतिष्ठा से भी जुड़ा है। दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर होने के कारण भाजपा भी इस चरण को लेकर खासी फ्रिकमंद है। पिछली बार हुआ था 42.63 प्रतिशत मतदान तीसरे चरण के इन जिलों में पिछले विधानसभा चुनाव में 42.63 प्रतिशत मतदान हुआ था। सबसे अधिक मतदान इलाहाबाद जिले के बारा निर्वाचन क्षेत्र में 53.33 प्रतिशत और सबसे कम इलाहाबाद के ही उत्तरी निर्वाचन क्षेत्र में 24.01 प्रतिशत
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